
Maharajganj : सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के तत्वाधान में वकालत के समक्ष वर्तमान चुनौतियां और भविष्य की वकालत विषय पर शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार के मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति जफीर अहमद तथा मुख्य वक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद के अतिरिक्त महाधिवक्ता अशोक मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार गुप्त थे। सेमिनार के विशिष्ट अतिथि जिला जज अजय कुमार सिंह रहे।
अतिरिक्त महाधिवक्ता अशोक मेहता ने वर्चुअल पेशी की टेक्नोलॉजी पर विचार रखते हुए कहा कि मुकदमों के परीक्षण के दौरान कोर्ट रूम में जज बहस और जिरह के दौरान मुवक्किल के भाव-भंगिमाओं को भी पढ़ते हैं। एआई मानवीय बहस-जिरह का अभी स्थान नहीं ले सकता है। वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय दिलीप कुमार गुप्त ने बताया कि अधिवक्ता विधिक और मानसिक पीड़ा का भी समाधान हैं।
न्यायमूर्ति जफीर अहमद ने अधिवक्ताओं को अपने मुकदमों की ब्रीफ-नोट अनिवार्य रूप से बनाने पर बल दिया, जो क्रमवार, तथ्यात्मक और साक्ष्यों के स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत हो, ताकि बहस और जिरह पूरी तरह से तैयार रह सके।
कार्यक्रम का कुशल संचालन जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष करुणाकर पति त्रिपाठी ने सेमिनार में आए न्यायमूर्ति, जिला जज, अतिरिक्त महाधिवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार गुप्त तथा राकेश कुमार गुप्त का अधिवक्ताओं की तरफ से आभार व्यक्त किया।
महामंत्री अनूप सिंह ने कहा कि इस सेमिनार से युवा अधिवक्ताओं को विशेष लाभ प्राप्त होगा। सेमिनार में सिविल कोर्ट महराजगंज के न्यायिक अधिकारीगण तथा जनपद के कलेक्ट्रेट और तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। सेमिनार में पूर्व अध्यक्ष शंभू शरण पांडेय, तारकेश्वर तिवारी, जितेंद्र सिंह, हमीदुल्लाह खान, सुरेंद्र पांडेय, मूर्ति नारायण त्रिपाठी, अतुल श्रीवास्तव, धर्मेंद्र त्रिपाठी, सुधांशु पांडेय, प्रमोद त्रिपाठी सहित लगभग सभी अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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