
- बाल संरक्षण योजना, महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की दी गई जानकारी
Maharajganj : इंडो-नेपाल सीमा क्षेत्र में चाइल्ड ट्रैफिकिंग और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों की रोकथाम के उद्देश्य से आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इंडो-नेपाल चाइल्ड ट्रैफिकिंग एनजीओ संस्था का उद्घाटन एक विशेष कार्यक्रम के तहत किया गया, जिसमें पुलिस विभाग, सशस्त्र सीमा बल और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यक्रम का आयोजन जिले के सीमा क्षेत्र में किया गया, जहां तस्करी की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। उद्घाटन समारोह में पुलिस अधिकारियों ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग की चुनौतियों और इससे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डाला। एसएसबी के जवानों ने सीमा सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता की दिशा में अपनी भूमिका को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में उपस्थित एनजीओ सदस्यों, महिलाओं और स्थानीय समुदाय के लोगों को चाइल्ड ट्रैफिकिंग और मानव तस्करी के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। वक्ताओं ने बताया कि किस प्रकार मासूम बच्चों को बहला-फुसलाकर तस्करी का शिकार बनाया जाता है और उन्हें शोषण का सामना करना पड़ता है। इस बारे में लोगों को सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत प्रशासन को देने की अपील की गई। इसके साथ ही, सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे बाल संरक्षण योजना, महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं आदि की जानकारी भी दी गई।
इन योजनाओं के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों और उपलब्ध सुविधाओं के प्रति जागरूक किया गया, ताकि वे अपने बच्चों और परिवार को सुरक्षित रख सकें। इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाकर तस्करी जैसे जघन्य अपराधों को जड़ से समाप्त करना है।
एनजीओ आने वाले समय में सीमा क्षेत्र के गांवों में नियमित जागरूकता अभियान चलाएगी, स्कूलों में बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति शिक्षित करेगी और पीड़ितों को पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराएगी।
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