
- पनियरा ब्लॉक के मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित राजमंदिर गांव में जल जीवन मिशन की परेशान कर देने वाली दास्तां
- ग्राम राजमंदिर में 24 नवंबर 2023 से 18 माह के अंदर 175 किलोलीटर क्षमता की अधर में लटकी पानी की टंकी का निर्माण
- समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने दिए थे निर्देश, मुक़र्रर तिथि के अंदर पूरा हो जाना था कार्य
Maharajganj : सरकार की जल जीवन मिशन अति महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत सरकार ने हर गांव में शुद्ध पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए समय भी मुक़र्रर किया गया है। लेकिन महराजगंज जनपद में जल जीवन मिशन परियोजना बदहाल है। गांवों की सड़कों और गलियों में लटकते प्लास्टिक के पाइप इस बात की गवाही दे रहे हैं कि उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। खुदी हुई सड़कों पर बेतरतीब गड्ढे हर पल दुर्घटना को बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं। सिर्फ एक ही रटा-रटाया जवाब! बजट नहीं है।
जबकि जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश दिए थे। डीएम ने निर्माण एजेंसियों को कड़ी चेतावनी भी दी थी। मुक़र्रर तिथि के अंदर हर हाल में लंबित निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए। ऐसा न होने पर कार्य कर रही निर्माण एजेंसियों के साथ ही विभागीय अधिकारियों की भी जवाबदेही तय होगी। इसके बाद भी महराजगंज जनपद में जल जीवन मिशन परियोजना की धार कुंद हो गई है।
यहां बता दें कि जनपद के कई गांवों में हर घर नल तक जल योजना कागजों पर तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है। लेकिन जनपद में इसकी रफ्तार इतनी धीमी है कि लोगों की प्यास बुझाने की बजाय उनकी परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।
दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आई सच्चाई
दैनिक भास्कर ब्यूरो महराजगंज की टीम पनियरा ब्लॉक के राजमंदिर गांव पहुंची। संवाददाता ने ग्रामीणों से बात करने की कोशिश की। हैरान कर देने वाली समस्या सामने आई। लोग आक्रोशित नजर आए। पता चला कि राजमंदिर गांव मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह गांव मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूरी पर बसा है।
पनियरा ब्लॉक के राजमंदिर गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर नल योजना के तहत दी जाने वाली पेयजल आपूर्ति महज खानापूर्ति बनकर रह गई है। 224.98 लाख रुपये से 175 किलोलीटर क्षमता की बनने वाली 12 मीटर ऊंचाई की पानी की टंकी महज दिखावा साबित हो रही है। 24 नवंबर 2023 से 18 माह में निर्माण करने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था रित्विक कोया को दी गई थी। लेकिन इतने समय बाद भी निर्माण अधूरा पड़ा है।
अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली है। राजमंदिर गांव में 8.627 किलोमीटर की पेयजल आपूर्ति योजना के तहत ग्रामीणों को निर्धारित समय सीमा में पानी उपलब्ध नहीं कराया जा सका। करोड़ों रुपये की लागत से शुरू हुई पेयजल आपूर्ति अभी तक अधर में लटकी हुई है। कमोबेश यही स्थिति पनियरा ब्लॉक के तमाम गांवों में देखने को मिल रही है, जहां जल जीवन मिशन अंतिम सांसें गिन रहा है।
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