
महराजगंज : शासन के निर्देश पर अप्रैल माह में सभी जिलों में बिना मान्यता के संचालित हो रहे विद्यालयों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए गए थे। इस क्रम में महाराजगंज जिले की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएसए सुश्री रिद्धि पांडे ने समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया था कि अपने-अपने विकास खंड क्षेत्रों में जो भी विद्यालय बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद कराया जाए। इस अभियान के तहत लक्ष्मीपुर और नौतनवा ब्लॉक में कई विद्यालय बंद कराए गए। वहीं, निचलौल खंड शिक्षा अधिकारी के निर्देशन में छितौना गांव में कक्षा 1 से लेकर हाई स्कूल स्तर तक संचालित एक अवैध विद्यालय को ध्वनि यंत्र दुग्गी और मुनादी के माध्यम से बंद कराया गया।
हालांकि, इस कार्रवाई के कुछ समय बाद ही वह विद्यालय पुनः संचालन में आ गया।
सूत्रों के अनुसार, यह विद्यालय अब भी मान्यता विहीन है, फिर भी शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की कथित मिलीभगत से इसे दोबारा खोल दिया गया है। इससे शासन की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं और शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।
इस मामले में जब खंड शिक्षा अधिकारी निचलौल, श्री आनंद मिश्रा से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया, मैंने विद्यालय का निरीक्षण किया है, लेकिन वह मुझे संचालन की स्थिति में नहीं मिला।
वहीं, इस पूरे प्रकरण पर जिला बीएसए रिद्धि पांडे ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यदि पुनः यह विद्यालय संचालित होता पाया गया, तो उसके खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी।
इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शासन की सख्ती के बावजूद कुछ विद्यालय संचालक और विभागीय कर्मचारी नियमों को ताक पर रखकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। आवश्यकता है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
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