महराजगंज : एंटीबायोटिक उपकरण की संवेदनशीलता को ट्रैक करने का उपकरण बनाने वाली अनुसंधान टीम में शामिल दीक्षा ने रचा इतिहास

घुघली, महराजगंज : आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है, जो बैक्टीरिया के एंटीबायोटिक के प्रति रेजिस्टेंस का पता केवल तीन घंटे में लगा सकता है, जबकि पारंपरिक परीक्षण विधियों में 48–72 घंटे लगते हैं। यह उपकरण छोटे क्लिनिकों और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में उपयोगी होगा।

यह उपकरण इलेक्ट्रोकेमिकल इम्पीडेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी पर आधारित है, जो विद्युत संकेतों का उपयोग करके बैक्टीरिया की वृद्धि और एंटीबायोटिक की संवेदनशीलता को ट्रैक करता है। इसमें माइक्रोफ्लूडिक चिप में एम्बेड किए गए स्क्रीन-प्रिंटेड कार्बन इलेक्ट्रोड्स का इस्तेमाल किया गया है।

उपकरण बनाने वाली अनुसंधान टीम में घुघली विकासखंड के मेदिनीपुर मल्ल टोला निवासी स्व. जयप्रकाश मल्ल की पुत्री दीक्षा मल्ल भी शामिल हैं। दीक्षा शिक्षक अनिल सिंह की भतीजी हैं। उनकी इस उपलब्धि पर क्षेत्रीय जनों में हर्ष व्याप्त है।

इस अनुसंधान टीम में प्रो. एस. पुष्पवनम (रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग, आईआईटी मद्रास), डॉ. ऋचा कर्माकर (जैव प्रौद्योगिकी विभाग, आईआईटी मद्रास), शोधार्थी डॉ. सरन्या गोपालकृष्णन, कप्पोन एनालिटिक्स इंडिया प्रा. लि., आईआईटीएम रिसर्च पार्क और दीक्षा मल्ल शामिल रहीं। इन्होंने स्क्रीन-प्रिंटेड कार्बन इलेक्ट्रोड्स से इस उपकरण को तैयार किया है।

यह उपकरण विद्युत-रासायनिक संकेतों पर आधारित है, जिससे एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण अब और तेज़, सरल व किफायती हो गया है। इसका उपयोग छोटे क्लिनिकों और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।

शोधार्थी दीक्षा मल्ल के हवाले से डॉ. ऋचा कर्माकर (जैव प्रौद्योगिकी विभाग, आईआईटी मद्रास) ने बताया कि यह उपकरण समय के साथ विद्युत संकेतों में होने वाले बदलावों को मॉनिटर करता है।
अगर बैक्टीरिया एंटीबायोटिक के प्रति रेजिस्टेंस हैं, तो वे दवा के बावजूद बढ़ते रहते हैं और यह गतिविधि विद्युत संकेतों में एक विशिष्ट परिवर्तन पैदा करती है। वहीं, यदि बैक्टीरिया एंटीबायोटिक द्वारा नष्ट हो जाते हैं, तो उनकी वृद्धि रुक जाती है और संकेत लगभग स्थिर बने रहते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार तिवारी, जितेंद्र सिंह, बृजेंद्र कुमार पांडेय, अनिल सिंह, जगदीश मल्ल, रामध्यान मल्ल, भोला मल्ल, आदर्श एवं बबलू यादव ने दीक्षा मल्ल की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए शुभकामनाएँ दी हैं।

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