
महाराजगंज : एक प्राथमिक विद्यालय को दूसरे विद्यालय में समायोजित किए जाने की सूचना पर विद्यालय गेट पर कुछ बच्चों द्वारा एक शिक्षिका से लिपटकर रोने की खबरें तेजी से वायरल हुईं। उक्त मामले में दैनिक भास्कर टीम जब मौके पर पहुंची और पता किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि जिस विद्यालय के समायोजन की सूचना पर छात्रों के रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, वास्तव में वह विद्यालय दूसरे विद्यालय में मर्ज ही नहीं हुआ है।
विद्यालय के समायोजन की सूचना पर बच्चों द्वारा रोने का जो वीडियो वायरल हुआ, उसके बारे में जब पूछा गया कि वीडियो किसने बनाया, तो विद्यालय में तैनात अध्यापकों का कहना था कि हमें नहीं पता वीडियो किसने बनाया और कैसे वायरल हुआ।
अभिभावक शिक्षक संघ के अध्यक्ष तेज बहादुर पांडे का कहना है कि यदि कोई अभिभावक या पत्रकार विद्यालय पहुंचकर कुछ जानकारी लेना चाहता है या फोटो खींचना चाहता है, तो विद्यालय में तैनात शिक्षक यह पूछते हैं कि किसके आदेश पर आप कैंपस में फोटो खींच रहे हैं या सवाल पूछ रहे हैं। ऐसे में उसी विद्यालय के शिक्षकों के सामने विद्यालय गेट पर वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया और शिक्षकों को इसकी जानकारी ही नहीं हो सकी, जो अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।
उक्त मामले में शिक्षाविद प्रोफेसर अभिजीत शुक्ल का कहना है कि जब प्राथमिक विद्यालय का विलय हुआ ही नहीं है, तब बच्चों का विलाप अफवाह प्रतीत होता है, जिसकी राजनीतिक वजह हो सकती है। सरकारी निर्णय पर प्रशासन अपना कार्य करता है, और जब जिले के मुखिया का कहना है कि विलय हुआ ही नहीं है, तो इस अफवाह पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे माहौल खराब न हो।
इस मामले में बीएसए से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने जानबूझकर विद्यालय बंद होने की अफवाह फैलाई है, जिससे जिला प्रशासन और सरकार की छवि धूमिल हो सके। ऐसा करने वालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षक एसेंशियल के उपाध्यक्ष मोहित श्रीवास्तव का कहना है कि यह वीडियो प्रायोजित जैसा लग रहा है। किसी बच्चे का इस तरह से शिक्षिका से लिपटकर रोना सहज और स्वाभाविक नहीं हो सकता। यदि विद्यालय का मर्जर भी हुआ होता, तो बच्चे कहीं और पढ़ते और शिक्षक-शिक्षिकाएं कहीं और जाकर पढ़ाते। इसमें इतना भावनात्मक लगाव दिखाना जांच का विषय है।
फिलहाल जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित कर जांच शुरू कर दी है। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा का कहना है कि इस प्रकार का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार की छवि खराब करने वालों के खिलाफ जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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