
खरखौदा, महराजगंज। थाना क्षेत्र में स्थित एनसीआर मेडिकल कॉलेज में मंगलवार देर शाम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने अचानक छापामारी कर हड़कंप मचा दिया। यह मेडिकल कॉलेज भारतीय जनता पार्टी की पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) डॉ. सरोजिनी अग्रवाल का बताया जा रहा है।
मंगलवार देर शाम दिल्ली मुख्यालय से आई सीबीआई की टीम ने पुलिस बल के साथ कॉलेज परिसर में प्रवेश किया और प्रशासनिक ब्लॉक, फाइनेंस सेक्शन, अकाउंट्स ऑफिस व स्टाफ रूम में दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की जोकि देर रात तक चली। इस दौरान कॉलेज परिसर में छात्रों और स्टाफ के बीच अफरा-तफरी मच गई।
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी फर्जी दाखिले, फंड में अनियमितता और मानकों के विपरीत एमबीबीएस सीटों के आवंटन से संबंधित पुराने मामलों की जांच के सिलसिले में की गई है। सीबीआई को शक है कि कॉलेज संचालन में शिक्षा मंत्रालय व मेडिकल काउंसिल के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर भारी वित्तीय गड़बड़ियां की गई हैं।
कॉलेज प्रबंधन से जुड़े कई अधिकारियों से सीबीआई टीम ने मौके पर ही पूछताछ की और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों तथा लेपटॉप को अपने कब्जे में लिया। सीबीआई अधिकारियों ने इस दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी और पूरे ऑपरेशन को गोपनीय रखा।
पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की भूमिका को लेकर भी जांच एजेंसी गंभीर है। हालांकि, इस छापेमारी को लेकर आधिकारिक पुष्टि सीबीआई या कॉलेज प्रबंधन की ओर से अभी तक नहीं की गई है, लेकिन कॉलेज से जुड़े उच्च अधिकारियों का कहना है कि वे जांच एजेंसी को पूरा सहयोग कर रहे हैं।
इस घटना के बाद क्षेत्र में चर्चा का माहौल गर्म है और राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। भाजपा के कुछ नेताओं ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है, जबकि विपक्षी दलों ने कॉलेज की मान्यता और संचालन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं।
अब सबकी निगाहें सीबीआई की आगे की कार्रवाई और जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। यदि कॉलेज प्रशासन पर लगे आरोप साबित होते हैं तो मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में यह एक बड़ा खुलासा माना जाएगा। वही इस मामले में पूर्व एमएलसी ट्रैक्टर सरोजनी अग्रवाल ने बताया कि किसी ने अस्पताल की भूमिका को लेकर शिकायत की थी जिसके चलते छापेमारी की गई है तथा टीम अपने साथ कुछ दस्तावेज लेकर गई है