
Maharajganj : विकास खंड बृजमनगंज के विभिन्न गांवों व नगर पंचायत बृजमनगंज में रविवार को जीवत्पुत्रिका व्रत के पावन पर्व पर क्षेत्र की महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर पुत्रों की लंबी आयु की कामना की।
हिन्दू परंपरा के अनुसार यह व्रत अष्टमी के दिन मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह नित्यकर्म के पश्चात स्नान आदि करने के बाद पूरे दिन निर्जल उपवास रखती हैं और दूसरे दिन नवमी को पारण करती हैं। इस पर्व में महिलाएं जीवमूतवाहन नाम के राजा की मूर्ति बनाकर उसका आह्वान करती हैं। सोने, चांदी, तांबे या कपास के सूत में सोलह गांठ लगाकर जीवत्पुत्रिका को रखा जाता है। कुशा से जीवमूतवाहन नाम के राजा की आकृति बनाकर, सुपारी पर चिल्हि का पूजन कर कथा का श्रवण किया जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस कथा और व्रत की शुरुआत द्वापरयुग के अंत और कलियुग के आरंभ के समय हुई। दुःखित महिलाएं विचार करने लगीं कि माता जीवित रहती हैं और उनके आगे लड़के नष्ट हो जाते हैं। सभी निश्चय कर गौतम ऋषि के पास गईं, जहां उन्होंने इस कथा और व्रत के बारे में बताया। तभी से यह व्रत प्रचलित हुआ। देशभर में महिलाएं बड़े ही आस्था और विश्वास के साथ इस व्रत को करती हैं।
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