महाकुंभ : सनातन धर्म को मानने वाले लोगों में रुद्राक्ष की काफ़ी अहमियत है। हिन्दू धर्म पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ है। माना जाता है कि रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति पर किसी भी तरह की कोई विपत्ति नहीं आती है। अभी तक कुल मिलाकर 14 मुखी रुद्राक्ष पाए गए हैं। इन 14 रुद्राक्ष के अलावा गौरीशंकर और गणेश रुद्राक्ष भी पाए जाते हैं। इनमें सबसे कीमती एक मुखी रूद्राक्ष माना जाता है। नेपाल में रुद्राक्ष के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं।
अमूमन एक मुखी रूद्राक्ष का एक दाना 3 से 4 हजार के बीच बिकता है। 25 सेक्टर में बंटे कुम्भ मेला क्षेत्र के लगभग हर मार्ग पर आपको रूद्राक्ष बेचने वाले मिल जाएंगे। इनके पास रूद्राक्ष की माला या दाने नहीं, बल्कि रूद्राक्ष का फल आपको मिलेगा। चाकू से काटकर इसके छिलके को हटाने के बाद रुद्राक्ष मिलता है। अगर आपकी किस्मत तेज हुई तो तीन हजार वाला रूद्राक्ष आपको 25 रुपये में मिल सकता है।
क्या होता है रुद्राक्षरुद्राक्ष एक पेड़ के फल की गुठली है। हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष का उपयोग औषधि में भी किया जाता है, साथ ही इसका आध्यात्मिक महत्व भी होता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष को धारण करने से कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही रुद्राक्ष अकाल मृत्यु और शत्रु बाधा से भी रक्षा करता है।
बेर की तरह होती है रूद्राक्ष की खोलरूद्राक्ष का फल देखने में आपको काले-भूरे बेर जैसा लग सकता है। जब तक इसे छीला नहीं जाता कोई बता नहीं सकता कि ये रुद्राक्ष है। जी हां, इसकी खोल किसी बेर की तरह होती है। चाकू से काटकर इसके छिलके को हटाने के बाद रुद्राक्ष मिलता है। साफ करने के लिए बाकी बचे छिलके को रगड़ा जाता है। एकमुखी रुद्राक्ष कम मिलते हैं। जो लोग इसे बेचते हैं, उनका कहना है कि नेपाल में ये ज्यादा पाया जाता है।
100 में रूद्राक्ष के 4 फलमेला क्षेत्र में 100 रुपये में तीन रूद्राक्ष के फल आपको आसानी से मिल जाएंगे। मोलभाव करने पर पांच—छह भी मिल सकते हैं। आप रूद्राक्ष के फलों की ढेरी से अपनी इच्छानुसार कोई भी फल चुन सकते हैं। विक्रेता आपके सामने चाकू से छीलकर रूद्राक्ष निकालेगा, ब्रश से रगड़कर और साफ करके आपको रूद्राक्ष देगा।
संगम क्षेत्र में रूद्राक्ष का फल बेच रहे रिंकू कुमार बताते हैं, ‘लोगों का असली और नकली रूद्राक्ष की पहचान नहीं है। इसलिये मैंने रूद्राक्ष के फल की दुकान लगायी है। अब इससे असली और क्या हो सकता है।’ मुकेश बताते हैं, ‘पांच मुखी, दो मुखी, चार और तीन मुखी के रूद्राक्ष निकले हैं। एक बाबा जी का एकमुखी रूद्राक्ष निकला था। मैं दो हजार में खरीदने को तैयार था, लेकिन बाबाजी ने बेचा नहीं।’
कुम्भ में विजयवाड़ा से आये देवेन्द्र ने कहाकि, ‘मुझे असली और नकली रूद्राक्ष की पहचान नहीं है। मैंने तीन रूद्राक्ष के फल खरीदे। दो मुखी और तीन मुखी रूद्राक्ष साफ करने पर निकले हैं।’
संगम क्षेत्र में रूद्राक्ष का फल बेचने वाले धर्मेन्द्र ने बताया कि, ‘अगर आपकी किस्मत होगी तो एकमुखी रूद्राक्ष निकल सकता है। पिछले एक हफ्ते में दो रूद्राक्ष एक मुखी निकले हैं। ज्यादातर पांच मुखी निकले हैं। काफी लोगों के तीन मुखी और चार मुखी रूद्राक्ष भी निकले हैं।’ वो बताते हैं, ‘लोगों का रूद्राक्ष का फल पसंद आ रहा है। वो अपने हाथों से फल चुनकर, साफ करके असली रूद्राक्ष खरीद रहे हैं।’
सेक्टर 20 में रूद्राक्ष का फल बेचने वाले राजू ने बताया कि, ‘कुम्भ में आने वाले श्रद्धालु रूद्राक्ष की माला से ज्यादा फल खरीद रहे हैं। जिन लोगों को असली नकली की पहचान नही हैं। वो अपने सामने रूद्राक्ष का फल खोलकर ले जाते हैं।’
पानीपत हरियाणा से महाकुम्भ में आये परेश बताते हैं, ‘जब रुद्राक्ष के फल को छीला जा रहा हो, तो पता नहीं रहता कि यह पांच, छह, चार या कितने मुखी रुद्राक्ष है। एकमुखी भी निकल सकता है।’ परेश आगे बताते हैं कि, ‘रूद्राक्ष के फल से दाना निकलने के बाद असली नकली का मामला अपने आप खत्म हो जाता है। मैंने 200 रुपये में 7 रूद्राक्ष खरीदे हैं।’
जीवन में सुख शान्ति लाता है रूद्राक्ष जो एक मुखी रुद्राक्ष धारण करता है उस पर भगवान शिव का आशीर्वाद रहता है। एक मुखी रुद्राक्ष का पौराणिक इतिहास बहुत लंबा होने के कारण इसकी पूजा करने से परिवार में सुख और शांति आती है। इसके अतिरिक्त, यह माना जाता है कि जब एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा की जाती है, तो व्यक्तियों को मृत्यु का भय दूर हो जाता है।