संत परमहंस आश्रम गौरीगंज अमेठी के पीठाधीश्वर अभय चैतन्य ब्रह्मचारी शिव योगी मौनी महाराज ने सोमवार को बसंत पंचमी पर्व पर नागवासुकी द्वार से संगम तट तक विश्व के कल्याण की कामना को लेकर 1134वीं चक्रवर्ती दंडवत परिक्रमा किया।
उल्लेखनीय है कि मौनी महाराज पिछले 37 वर्षो से 5872 किलोमीटर की दंडवत परिक्रमा कर चुके हैं। मौनी महाराज ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ में ज्ञानवापी का विवाद खत्म हो और भव्य मंदिर का निर्माण हो इस संकल्प के साथ मौनी महाराज ने पिछले बुधवार को काशी विश्वनाथ मंदिर की कृति को लेकर 799वीं चक्रवर्ती दंडवत परिक्रमा पूरी की थी। उन्होंने पिछले 37 वर्षों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर संकल्पित अनुष्ठान करते आ रहे हैं।
मौनी महाराज ने राष्ट्र रक्षा, एकता और अखंडता, आतंकवाद के समूल नाश, अयोध्या और काशी जैसे मथुरा में भी भव्य मंदिर निर्माण की भी मां गंगा और यमुना से कामना की है। मौनी महाराज ने बसंत पंचमी के पर्व पर ज्ञान की देवी मां सरस्वती से कामना की है कि देश के सभी लोगों पर उनकी कृपा बनी रहे।
मौनी महाराज ने कहा कि उन्होंने मां गंगा और यमुना से देश व प्रदेश के लोक मंगल व जन कल्याण की कामना की है। शिव योगी मौनी महाराज के मुताबिक इस बार माघ मेले में उनका संकल्प प्रमुख स्नान पर्वों पर इसी तरह से चक्रवर्ती दंडवत परिक्रमा करने का है।
महराज ने कहा कि उनके पिता जी चाहते थे कि मैं साधक बनूं और सनातन को आगे बढ़ाने का काम करूं। जब मैं 10 साल का था तभी से धर्म आध्यात्म की तरफ आ गया। पिता प्रधानाचार्य पद से रिटायर हैं। उनकी प्रेरणा से आज मैं श्रीराम के नाम पर अपना जीवन समर्पित करना चाहता हूं।