
kajal soni
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण जाम की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। शहर में वाहनों का दबाव बढ़ने से यातायात व्यवस्था पर भारी असर पड़ा है, जिससे श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जाम की स्थिति और उसके प्रमुख कारणों को समझते हुए, प्रशासन के सामने कई चुनौतियां आ रही हैं।
भीषण जाम के प्रमुख कारण:
- पार्किंग स्थल की कमी: प्रयागराज को अन्य इलाकों से जोड़ने वाली सात प्रमुख सड़कों पर कुल 102 पार्किंग स्थल बनाए गए थे। हालांकि, तीनों प्रमुख स्नान पर्व समाप्त होने के बाद इन पार्किंग स्थलों की संख्या घटाकर 36 कर दी गई। इसके बावजूद, बसंत पंचमी के बाद भी श्रद्धालुओं का दबाव कम नहीं हो रहा है, जिससे सड़कों पर वाहनों का जाम बढ़ता जा रहा है। पार्किंग की कमी और भीड़ के कारण जाम की स्थिति गंभीर हो गई है।
- तालमेल की कमी: प्रयागराज मेला प्रशासन ने अमृत स्नान के समय में पड़ोसी जिलों के साथ तालमेल बैठाकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की थी। लेकिन अब वाहनों को बॉर्डर पर रोकने के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है। इससे शहर के भीतर वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है। समीप के जिला प्रशासन से अब वाहनों को रोकने के लिए सूचना भेजी जा रही है, लेकिन इससे पहले ही शहर में जाम की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।
- जानकारी का अभाव: महाकुंभ में तैनात पुलिस, पीएसी और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को महाकुंभ मेला क्षेत्र का भौगोलिक ज्ञान कम है, क्योंकि वे दूसरे स्थानों से आए हैं। जब श्रद्धालु किसी स्थान पर भ्रमित हो जाते हैं और पूछताछ करते हैं, तो सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता और उन्हें सामान्यत: यही जवाब मिलता है कि “आगे बढ़ते रहें।” इसका परिणाम यह होता है कि श्रद्धालु कई बार एक स्थान पर ठहर जाते हैं और जाम बढ़ता है।
- सही सूचना का अभाव: सड़क पर फंसे श्रद्धालुओं को सही दिशा-निर्देश नहीं मिल पा रहे हैं। सड़कों पर साइनेज (संचालन संकेत) की कमी के कारण वाहन चालक एक-दूसरे को देखकर रास्ता पकड़ने की कोशिश करते हैं, जिससे गाड़ियों की संख्या और भी बढ़ जाती है। जब भीड़ बढ़ जाती है, तो पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर सड़क को रोक देती है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ जाती है। अगर सही समय पर स्थिति को नियंत्रित किया जाए तो जाम की स्थिति को काबू किया जा सकता है।
- वीवीआईपी प्रोटोकॉल: प्रयागराज महाकुंभ में प्रतिदिन वीवीआईपी व्यक्तियों का आना-जाना जारी रहता है। वीवीआईपी फ्लीट को प्राथमिकता देने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर बैरिकेडिंग की जाती है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी होती है। इस कारण ट्रैफिक व्यवस्था पर असर पड़ता है और कई बार पुलिस और आम लोगों के बीच झड़पें भी हो चुकी हैं। वीवीआईपी प्रोटोकॉल की वजह से शहर में ट्रैफिक की स्थिति और भी खराब हो जाती है, खासकर जब वीवीआईपी फ्लीट के गुजरने के दौरान जाम बढ़ जाता है