महाकुम्भ : रौशनी बिखेरता नेत्र कुम्भ की चिकित्सा सेवा व्यवस्था, आश्चर्यचकित हो रहे श्रद्धालु

  • सुबह से शाम तक नेत्र रोगियों की लग रही भीड़
  • नेत्र रोगियों में बुजुर्गों एवं महिलाओं की संख्या अधिक
  • जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मा भी दिया गया

प्रयागराज। कुम्भनगर के सेक्टर 6 स्थित बजरंग दास मार्ग पर स्थित नेत्र कुम्भ शिविर में सुबह से ही नेत्र रोगियों का तांता लगा रहा। यह सिलसिला सायं पांच बजे तक जारी रहा। हजारों लोगों ने आंखों की जांच करायी। नेत्र कुम्भ में कार्य कर रहे स्वयंसेवक उन्हें गंतव्य तक पहुंचाते रहे। नेत्र रोगियों में बुजुर्गों एवं महिलाओं की संख्या अधिक थी। जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मा भी दिया गया। नेत्र रोगियों ने बताया कि जिस प्रकार नेत्र कुंभ में चिकित्सा सेवा की जा रही है, वह अन्य स्थानों पर दुर्लभ है।

शनिवार सुबह से ही नेत्र कुम्भ शिविर में नेत्र रोगियों का तांता लगा रहा। स्वयंसवेक उन लोगों को प्रेमपूर्वक सेमिनार हाल में बिठा रहे थे। फिर उनका रजिस्ट्रेशन कराया गया। इसके बाद नेत्र चिकित्सकों ने बारी-बारी से उन लोगों के आंखों की जांच की। बाद में जरूरतमंदों को निःशुल्क चश्मा भी दिया गया। वहीं, मोतियाबिंद के मरीजों को आपरेशन की सलाह दी गयी।

सेवा कार्य में जुटे राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि दिन प्रतिदिन नेत्र रोगियों की संख्या बढ़ रही है। उनकी सेवा करना एक सुखद अनुभूति है। बिहार के मुजफ्फरपुर जनपद से नेत्र कुंभ में आयी 85 वर्षीय पवन देवी ने बताया कि नेत्र कुंभ का इतना बड़ा आयोजन मानवता की सेवा में बहुत बड़ा कार्य है। इस तरह का सेवा कार्य मैंने जीवन में पहली बार देखा है। महाकुम्भ के दौरान संगम में स्नान कर पुण्य भी कमाया और आंखों को रोशनी भी मिली। वहीं, प्रयागराज मुंडेरा की रहने वाली सोनू देवी ने बताया कि समाचार पत्रों से उन्हें नेत्रकुम्भ की जानकारी मिली। यहां जिस तरह से आंखों की जांच की जा रही है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाये कम है।

इसी प्रकार बिहार के मधुबनी जनपद के 70 वर्षीय नरेंद्र नाथ ठाकुर ने बताया कि वे कल्पवास में आये हैं, नेत्रकुंभ की जानकारी मिली। यहां की चिकित्सा सेवा व्यवस्था से वे आश्चर्यचकित हैं। महाकुम्भ में पुण्य के साथ ही आंखों को रोशनी भी मिल रही है। उनके जीवन में आत्मविश्वास लौट रहा है। आरएसएस के कार्यकर्ताओं के सेवा भाव की जितनी तारीफ की जाये कम है। कल्पवास कर रहे प्रयागराज निवासी लक्ष्मी कांत मिश्र ने बताया कि उन्हें अपने एक रिश्तेदार से नेत्रकुंभ की जानकारी मिली। यहां की चिकित्सा सेवा व्यवस्था बहुत ही सुंदर है। महाकुम्भ 2025 को श्रद्धालु नेत्रकुंभ से भी जानेंगे।

नेत्र कुम्भ की मीडिया कोआर्डिनेटर डॉ कीर्तिका अग्रवाल ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक यहां आकर श्रद्धालुओं की सेवा कर 4-5 दिन बाद वापस जाते हैं। उसके बाद अन्य चिकित्सक आकर उनका चार्ज संभालते हैं। उन्होंने बताया कि नेत्र कुंभ में नेत्र रोगियों की चिकित्सा करते हुए इन चिकित्सकों को सेवा कार्य का नया अनुभव हुआ। वे भविष्य में इससे प्रेरणा लेकर जरूरतमंदों की सेवा करेंगे। अंत में उन्होंने बताया कि नेत्र कुम्भ 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा।

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