
गोंडा : प्रयागराज महाकुंभ में संगम नोज क्षेत्र में मची भगदड़ के बाद भीड़ में दबकर गोंडा के एक श्रद्धालु की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि परिवार की एक महिला सदस्य गायब है। मृतक के भतीजे ने रोते हुए दैनिक भास्कर को बताया कि वह अपने चाचा का शव घर ले जाना चाह रहा है। यहां पता चल रहा है कि शव को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। हम पहली बार आए हैं। यहां के विषय में कुछ जानते नहीं हैं। ऐसे कैसे चले जाएं, यह कहकर रोने लगा।
प्रयागराज महाकुंभ में संगम नोज पर अचानक हुई भगदड़ के बाद गोंडा जिले के दर्जी कुआं स्थित रुपईडीह गांव के रहने वाले ननकन 45 वर्ष की मौत हो गई है। मृतक के भतीजे ने पत्रिका से बातचीत करते हुए बताया कि परसों यहां हम आए थे। यहीं रुके थे फिर स्नान करने आए थे। जैसे हम वहां पहुंचे भीड़ बहुत देखा हमारा दिल धड़कने लगा। इसी बीच अचानक लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े। हम भी उसमें गिर पड़े थे। हमारे चाचा छोटे कद के थे। उनका नाम ननकन था। वह इसी में दब गए। उन्हें एंबुलेंस के डॉक्टर नेबताया कि इनकी मौत हो गई। हमने डॉक्टर से कहा कि हम शव को घर ले जाना चाहते हैं। डॉक्टर ने सहमति दे दी। उसके बाद पता चला कि मेडिकल कॉलेज लेकर चले गए। मेडिकल कॉलेज जानते नहीं कैसे चले जाएं। हम पहली बार स्नान करने आए हैं।
घर शव लाने के लिए परिजन परेशान एंबुलेंस के डॉक्टर ने बताया कि इनकी मौत हो गई है। बाद में पता चला कि मेडिकल कॉलेज लेकर चले गए। पोस्टमार्टम के बाद मिलेगा शय । हम यहां पहली बार आए हैं। मेडिकल कॉलेज ले जाना था। तो हमको भी साथ ले चलते। जब हमारे पास कोई प्रूफ नहीं है। तो हम वहां क्या बलाएंगे। हमारे साथ नहाने मेरे दो चाचा दो भाई मेरी पत्नी चाचा कीबताएंगे। हमारे साथ नहाने मेरे दो चाचा, दो भाई, मेरी पत्नी, चाचा की पत्नी, भाई की पत्नी, भाई की सास और हमारे जीजा आए थे। लेकिन हमारे भाई की सास अभी तक लापता है।