Mahakal Temple VIP Entry : एमपी हाईकोर्ट ने कहा- महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक के साथ लागू रहेगा VIP एंट्री का नियम

Mahakal Temple VIP Entry : इंदौर हाईकोर्ट ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटाने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि VIP एंट्री का नियम लागू रहेगा और VIP कौन होगा, इसका फैसला कलेक्टर करेंगे। याचिकाकर्ता ने VIP लोगों की लिस्ट जारी करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।

कोर्ट का फैसला और दिशा-निर्देश

महाकाल मंदिर में VIP और आम भक्तों के बीच भेदभाव को लेकर दायर याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गर्भगृह में किसे VIP माना जाए, यह निर्णय कलेक्टर का कार्य है।
बेंच ने कहा कि VIP की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है और यह नियम देश के सभी धार्मिक स्थलों पर समान रूप से लागू होता है।

VIP का निर्धारण और नियम

अदालत ने कहा कि यदि किसी विशेष दिन, किसी व्यक्ति को कलेक्टर अनुमति देते हैं, तो वह VIP माना जाएगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि VIP की कोई तय सूची या नियम नहीं है। यदि कलेक्टर किसी व्यक्ति को अनुमति देते हैं, तो उसे VIP माना जाएगा।

देशभर में लागू नियम

अदालत ने यह भी कहा कि यह नियम सिर्फ महाकाल मंदिर पर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के सभी धार्मिक स्थलों पर लागू होगा। महाकाल मंदिर में आम भक्तों को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है। इस नियम को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं।

याचिका का मुख्य तर्क

याचिकाकर्ता का तर्क था कि मंदिर में VIP और आम भक्तों के साथ भेदभाव होता है।
VIP को गर्भगृह में जाने की अनुमति दी जाती है, जबकि आम भक्त बाहर से ही दर्शन करते हैं।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि VIP कौन है, यह तय करने का अधिकार कलेक्टर के पास है। यह भी कहा गया कि इस मामले में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है।

महाकालेश्वर मंदिर का महत्व

महाकाल मंदिर उज्जैन में है, जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर देश के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु महाकाल मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों को लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए कई इंतजाम किए हैं, जिनमें ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी शामिल है। मंदिर में विभिन्न पूजा और अनुष्ठान होते हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध भस्म आरती है, जो सुबह 4 बजे होती है, जिसमें भगवान शिव को भस्म चढ़ाई जाती है।

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