महाकुम्भ : संगम पर स्वच्छता के लिए अब संतों ने छेड़ी मुहिम, मठों व आश्रमों में थर्माकोल, प्लास्टिक प्रतिबंधित

-50 हजार थाली व 50 हजार झोले मठ और आश्रमों के लिए मंगाए गए

महाकुम्भ नगर । महाकुम्भ में मठों और आश्रमों में जगह- जगह भंडारे चल रहे हैं, जिनमें हजारों लोग रोज प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन इस बार के महाकुम्भ को सीएम योगी के निर्देश पर पर्यावरण और स्वच्छता के लिहाज से भी अभूतपूर्व बनाया जा रहा है। सबसे खास बात ये है कि मुख्यमंत्री के इस अभियान में महाकुम्भ के साधु संत भी बढ़ चढ़कर आगे आ रहे हैं। अब संतों ने यहां के मठों व आश्रमों में थर्माकोल, प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। किसी के हाथ में पॉलीथिन दिख भी गया तो उससे ले लिया जाता है। बदले में उसे मिट्टी के बर्तन, जूट का थैला, स्टील की एक थाली, गिलास, चम्मच दिया जा रहा है। यहां श्रद्धालुओं से घर से पॉलीथिन, प्लास्टिक के दोने-पत्तल न लाने और, प्रदूषण फैलाने वाली वस्तुएं गंगा में न डालने के तीन महावचन लिए जा रहे हैं।

सिर्फ मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल

स्वच्छ महाकुम्भ के लिए बाघंबरी गद्दी, अयोध्या और मथुरा समेत देश भर के संत आगे आए हैं। महाकुम्भ नगर क्षेत्र के 39 मठ और आश्रम इसमें नेतृत्व कर रहे हैं। इन सभी मठ और आश्रमों में नियमित भोजन व प्रसाद के वितरण में मिट्टी के कुल्हड़ और बर्तन के साथ जूट का अधिक से अधिक प्रयोग किया जा रहा है। 50 हजार थाली व 50 हजार झोले मठ और आश्रमों के लिए मंगाए गए हैं। बाघंबरी गद्दी, श्री राम वैदेही मंदिर, भगवान नारायण खालसा, गुरु धाम आश्रम में सिर्फ मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

थर्माकोल, प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित

श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के पीठाधीश्वर व बड़े हनुमान मंदिर के महंत बलवीर गिरि ने महाकुम्भ में मठ और आश्रमों में खानेदार स्टील की थाली और कपड़े के झोलों के वितरण का अभियान चला रखा है। जिससे प्लास्टिक का प्रयोग न हो। महंत बलवीर गिरि ने बताया कि अभी करीब 50 हजार थाली व 50 हजार झोले मंगाए गए हैं। हर मठ व आश्रमों में जरूरत के हिसाब से इनका वितरण किया जा रहा है। बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी सूरज पाण्डेय ने बताया कि इनके अलावा शहर में संचालित अन्य गुरुकुलों, आश्रमों और मठों में भी थाली उपलब्ध कराई जा रही है। श्रीमठ बाघंबरी गद्दी के साथ ही अयोध्या के श्री राम वैदेही मंदिर के स्वामी दिलीप दास त्यागी महाराज, तुलसी दास छावनी व श्री भगवान नारायण खालसा के महामंडलेश्वर जनार्दन दास महाराज और मथुरा के श्री गुरु धाम आश्रम बंगाली कॉलोनी के सोनेश गोस्वामी समेत देश के कोने कोने से आए संतों ने यहां महाकुम्भ में अपने मठों व आश्रमों में थर्माकोल, प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है।

महाकुम्भ में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पूरी तरह बैन

योगी सरकार स्वच्छ और ग्रीन महाकुम्भ बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में महाकुम्भ को पूरी तरह प्लास्टिक फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप महाकुम्भ के दौरान पूरे प्रयागराज को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है। महाकुम्भ में सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करने के साथ ही प्राकृतिक उत्पाद दोना, पत्तल, कुल्हड़ और जूट व कपड़े के थैलों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए मेला क्षेत्र में ही जगह जगह जूट व कपड़े के थैले, दोने,पत्तल और कुल्हड़ के स्टॉल खोले गए हैं।

प्राकृतिक उत्पादों की पूरे मेला क्षेत्र में सप्लाई, मण्डलायुक्त कर रहे मॉनिटरिंग

मेला प्राधिकरण की ओर से महाकुम्भ के दौरान प्लास्टिक के सामनों के विकल्प के तौर पर प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग करने के स्टॉल लगे हैं। इसके लिए महाकुम्भ में दोने, पत्तल, कुल्हड़ व कपड़े या जूट के थैलों के स्टॉल लगे हैं। इन स्टॉल से महाकुम्भ के दौरान प्राकृतिक उत्पादों की सप्लाई पूरे मेला क्षेत्र में हो रही है।

प्लास्टिक फ्री महाकुम्भ अभियान में तेजी लाने के लिए प्रयागराज के मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत ने शहर को विभिन्न जोन में बांटते हुए हर जोन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जो अपने जोन को स्वच्छ और प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए कार्ययोजना के तहत काम कर रहे हैं। उनके कार्यों की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। साथ ही उन्होंने सभी पॉलीथीन बैग के थोक विक्रेताओं को महाकुम्भनगर के साथ ही शहर में भी पॉलीथीन की सप्लाई रोकने के निर्देश जारी किए हैं।

प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जगह-जगह नुक्कड़ नाटक

महाकुम्भ को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। पूरे मेला क्षेत्र में स्वच्छ महाकुम्भ, स्वच्छ प्रयागराज के तहत नो प्लास्टिक यूज व पॉलिथीन का प्रयोग न करें के पोस्टर, होर्डिंग लगाए गए हैं। साथ ही जगह-जगह नुक्कड़ नाटकों का भी मंचन किया जा रहा है।

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