
देहरादून : उत्तराखंड में अवैध रूप से संचालित मदरसों पर लगातार सीलिंग की कार्रवाई जारी है। प्रदेश में जो मदरसे पंजीकृत या मान्यता प्राप्त नहीं हैं उनको लेकर अब नैनीताल हाईकोर्ट ने भी बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि जो मदर से पंजीकृत नहीं हैं वह धार्मिक शिक्षा नहीं दे सकते। हाई कोर्ट के फैसले का उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में बेहतर तरीके से काम हो रहा है और जो मदरसे राज्य सरकार या मदरसा बोर्ड से पंजीकृत नहीं है उन पर कार्रवाई की जा रही है। आपको बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट में दलील दी गई है कि
सील किए गए सभी मदरसे बिना पंजीकरण के अवैध रूप से चल रहे थे और बिना अनुमति के धार्मिक और शैक्षणिक गतिविधियों में लगे हुए थे। सरकार ने कहा कि ये संस्थान निजी व्यक्तियों द्वारा चलाए जा रहे थे। सरकार की ओर से कोर्ट में यह भी कहा गया है कि जो मदरसे रजिस्टर्ड हैं उनको सरकार की ओर से सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।