
भोपाल : राज्य शासन द्वारा मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन (आईपीएस) को अपने पद के साथ आगामी आदेश तक मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में प्राधिकृत किया गया है। इससे जुड़ा आदेश देर रात शुक्रवार को सामने आया, जिसमें राज्य शासन द्वारा आदेश जारी कर सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी गई है कि अब यह पद जोकि पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष मनोहर ममतानी के सात मई को कार्यकाल समाप्त होने के कारण से खाली पड़ा था, वह इस नियुक्ति से भर जाने के चलते फिर एक बार आयोग की बेंच राज्य भर में लगना शुरू हो जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से यह मांग उठाई जा रही थी कि प्रदेश भर में मानवाधिकार हनन के मामलों को प्रमुखता से सामने लाने एवं उनके निराकरण के लिए यह आवश्यक है कि मानव अधिकार आयोग की राज्य भर में बेंच लगें, लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा था, क्योंकि आयोग में अध्यक्ष पद पर कोई नहीं था। आयोग में एकमात्र सदस्य थे, वह अब अध्यक्ष बन चुके टंडन ही थे जोकि मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ही मानवाधिकार हनन के मामलों को संज्ञान में लेते थे।
इस संबंध में राजीव कुमार टंडन की ओर से भी बताया गया है कि सदस्य के रूप में रहते हुए उनकी ओर से प्रतिदिन सात से दस तक की संख्या में प्रकरण संज्ञान में लिए जाते रहे हैं। दूसरी ओर अब प्रकरणों की संख्या अधिक से अधिक संज्ञान में लेना संभव होगा।
इस मामले में मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में लम्बे समय से काम कर रहे आत्माराम यादव कहते हैं कि सरकार का यह निर्णय बहुत अच्छा है, उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण पदों को देखा जाए तो खाली होते ही तुरंत किसी न किसी की नियुक्ति सरकार को कर देनी चाहिए, ताकि कई संवेदनशील मामलों को संज्ञान में लेकर अहम कार्रवाई करना संभव हो सके।
इसी तरह से एडवोकेट धनन्जय सिंह और आशुतोषक कुमार का कहना है कि मानवाधिकार आयोग कई ऐसे प्रकरणों को संज्ञान में लेता है, जिन्हें न्याय की आस है। कई बार जब पुलिस प्रताड़ना या अन्य प्रकार की प्रशासनिक प्रताड़ना का होना सामने आता है, तब पीड़ित के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। आयोग में अध्यक्ष का पद सबसे महत्वपूर्ण है। राज्य के स्तर पर आयोग को वही शक्तियां मिली हुई हैं जोकि केंद्र के स्तर पर आयोग की हैं, ऐसे में स्वभाविक है कि अब जब अध्यक्ष की नियुक्ति राज्य शासन ने कर दी है तो कई पीड़ितों को तेजी से न्याय की दिशा में मप्र आगे बढ़ेगा।
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