मध्य प्रदेश : बैतूल में महसूस किए गए भूकंप के हल्के झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.8 दर्ज

बैतूल : मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में बुधवार तड़के भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, यह भूकंप तड़के 2:59 बजे आया, जिसकी तीव्रता 2.8 मापी गई। इसका एपिसेंटर ज़मीन से 5 किलोमीटर की गहराई में था और यह 21.73°N अक्षांश तथा 78.35°E देशांतर पर स्थित था।

अधिकांश लोगों को नहीं हुआ अहसास

रात का समय होने और भूकंप की तीव्रता कम रहने के चलते अधिकांश लोगों को झटकों का एहसास नहीं हुआ। हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की कंपन महसूस की गई, लेकिन कहीं से भी किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान या किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल ने पुष्टि की है कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और किसी तरह की घबराहट की आवश्यकता नहीं है।

इससे पहले भी दर्ज हुई हल्की भूकंपीय हलचल

बैतूल जिले में यह पहली बार नहीं है जब भूकंप दर्ज किया गया हो। 3 मई को मुलताई क्षेत्र में भी रिक्टर स्केल पर 2.8 तीव्रता का भूकंप आया था। लगातार दूसरी बार आई इस भूकंपीय गतिविधि ने क्षेत्र की भूगर्भीय सक्रियता को लेकर विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है।

भूवैज्ञानिकों की राय : चिंता की नहीं, पर निगरानी जरूरी

भूगर्भ विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की हल्की तीव्रता वाले झटके आमतौर पर किसी बड़े भूकंप के संकेत नहीं होते, लेकिन यदि बार-बार भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की जाएं, तो क्षेत्र की गहराई से निगरानी और विश्लेषण जरूरी हो जाता है।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रहा है और समय-समय पर अपडेट साझा कर रहा है।

प्रशासन की अपील : घबराएं नहीं, सतर्क रहें

जिला खनिज अधिकारी मनीष पालेवाल ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा,

“घबराएं नहीं, लेकिन भूकंप जैसी आपदा से निपटने के लिए जरूरी सावधानियां जरूर बरतें। सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें और यह जानें कि भूकंप के समय क्या करना चाहिए।”

जानिए – क्यों आता है भूकंप?

भूकंप तब आता है जब पृथ्वी की सतह के नीचे एनर्जी अचानक रिलीज होती है। धरती की सतह 7 विशाल टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है, जो लगातार हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं या आपस में रगड़ खाती हैं, तो उस क्षेत्र में तनाव (Stress) पैदा होता है।

एक समय ऐसा आता है जब ये प्लेट्स इस दबाव को झेल नहीं पातीं और टूट जाती हैं, जिससे भूकंपीय ऊर्जा बाहर निकलती है, और यही ऊर्जा धरती की सतह को हिला देती है – जिसे हम भूकंप (Earthquake) के रूप में महसूस करते हैं।

रिक्टर स्केल पर भूकंप का मतलब क्या होता है?

तीव्रता (रिक्टर स्केल)प्रभाव
0.1 – 3.0महसूस नहीं होता या बहुत हल्का
3.1 – 4.0हल्का झटका, नुकसान की संभावना नहीं
4.1 – 5.5महसूस किया जा सकता है, हल्का नुकसान संभव
5.6 – 6.9मध्यम से गंभीर नुकसान संभव
7.0+विनाशकारी प्रभाव

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