लखनऊ बनेगा ऐतिहासिक क्षण का साक्षी: यूपी डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई का उद्घाटन आज

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आज एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है। यहां उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की उत्पादन इकाई का शुभारंभ किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से इस समारोह में शामिल होंगे, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। यह पहल देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूती देने और सामरिक शक्ति को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

अत्याधुनिक सामग्रियों के निर्माण की नई शुरुआत

इस अवसर पर ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के साथ-साथ टाइटेनियम एंड सुपर एलॉयस मटेरियल्स प्लांट (स्ट्रैटेजिक मटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स) का भी उद्घाटन होगा। यह अत्याधुनिक प्लांट रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में काम आने वाले उच्च गुणवत्ता वाले मटेरियल्स का निर्माण करेगा, जिनका उपयोग चंद्रयान जैसे अंतरिक्ष अभियानों और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा।

साथ ही ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का भी लोकार्पण किया जाएगा, जो मिसाइलों के प्रभावी परीक्षण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।

रक्षा उत्पादों के परीक्षण को मिलेगा नया आधार

लखनऊ नोड पर ही डिफेंस टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम (DTIS) का शिलान्यास भी किया जाएगा, जो रक्षा उत्पादों की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करेगा।

300 करोड़ रुपये की लागत से बनी ब्रह्मोस यूनिट

ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त सहयोग से विकसित की गई है। इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक है और यह मैक 2.8 की रफ्तार (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना तेज) से लक्ष्य को भेद सकती है। यह जमीन, हवा और समुद्र—तीनों माध्यमों से दागी जा सकती है और ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर आधारित होने के कारण दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है।

ब्रह्मोस उत्पादन इकाई 300 करोड़ रुपये की लागत से महज साढ़े तीन वर्षों में तैयार की गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 80 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क प्रदान की थी।

डिफेंस सेक्टर में उत्तर प्रदेश का बढ़ता योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में घोषित उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर छह प्रमुख नोड्स—लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट—में विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है और विदेशी निर्भरता को कम करना है।

लखनऊ नोड पर ब्रह्मोस यूनिट की शुरुआत इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी, जिससे राज्य ही नहीं, पूरे देश को सामरिक दृष्टि से मजबूती मिलेगी।

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