
Lucknow : कृष्णानगर पुलिस ने एक ऐसी सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया है, जिसने डॉक्टरों और अस्पताल संचालकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। रेलवे विभाग में कार्यरत दो टेक्निशियन ने डॉक्टर से खुन्नस और कर्ज के दबाव में आकर 20 लाख की फिरौती की योजना रची थाना कृष्णानगर, क्राइम टीम और सर्विलांस सेल की संयुक्त कार्रवाई में दोनों अभियुक्त – उमेश कुमार मौर्या (33 वर्ष) और सुजीत कुमार लोधी (34 वर्ष) को दबोच लिया गया।
दोनों आलमबाग स्थित ब्रिज वर्कशॉप में टेक्निशियन हैं। इस तरह रची गयी खौफनाक साजिश 26 अगस्त की रात करीब 9 बजे एक ई-रिक्शा चालक डॉक्टर देवेश रजानी के एमसीसी हॉस्पिटल पहुंचा और गार्ड को एक लिफाफा थमा गया। उसमें लिखा था – “20 लाख रुपये दो, वरना जान से हाथ धोना पड़ेगा।” साथ ही रुपये पहुंचाने का नक्शा भी बना था रिक्शा चालक से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसे महज 20 रुपये देकर पत्र अस्पताल तक पहुंचवाया गया था खुन्नस और आपराधिक इतिहास मुख्य आरोपी उमेश मौर्या की मां और पत्नी का इलाज कुछ महीने पहले इसी अस्पताल में हुआ था। इलाज और पैसों को लेकर उसकी डॉक्टर देवेश से कहासुनी हो गयी थी। तभी से वह खुन्नस पाले बैठा था।
उसके ऊपर कई कर्ज हैं और वह पहले भी 2015 में आलमबाग क्षेत्र में अजीत सिंह भदौरिया हत्याकांड में जेल जा चुका है। वह 2013 में मृतक आश्रित कोटे से रेलवे की नौकरी पाया था, पुलिस की फिल्मी अंदाज में जांच करीब 300 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, तकनीकी साक्ष्य और मैनुअल इनपुट के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुँची। मौके पर ई-रिक्शा चालक की शिनाख्त के बाद दोनों की गिरफ्तारी हुई। नक्शे में बिछाई थी जाल आरोपियों को पूरा भरोसा था कि डर के मारे डॉक्टर रुपये चुका देगा और कहीं शिकायत नहीं करेगा।
तय तारीख को वे दूरी बनाकर जगह पर नजर गड़ाए बैठे रहे, मगर जब कोई रुपये लेकर नहीं पहुंचा तो उनकी योजना धरी रह गई पुलिस की सराहनाघटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुलिस उपायुक्त दक्षिणी ने 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।