Lucknow : सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर धड़ल्ले से तंबाकू – शराब का हो रहा प्रचार-प्रसार!

  • युवाओं को शातिराना तरीके से नशेड़ी बना रहीं तंबाकू-शराब की कंपनियां
  • आखिर सोशल मीडिया की सुनामी से कैसे निपटेगा स्वास्थ्य विभाग?

Lucknow : तंबाकू और शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, यह चेतावनी आपने गुटखा, सिगरेट के पैकेट व कई अन्य जगहों पर जरूर पढ़ी होगी। यहां तक कि शराब व तंबाकू उत्पाद के प्रचार-प्रसार पर पूरी तरह से रोक लगी है, न तो टीवी और न ही किसी अखबार या पत्रिका में विज्ञापन, यह पहल स्वास्थ्य विभाग की एक अच्छी पहल मानी जा सकती है और इससे कुछ हद तक फर्क पड़ा भी। लेकिन तंबाकू उत्पादन व शराब कंपनियां स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखाते हुए दो हाथ आगे निकलीं। अब ये कंपनियां धड़ल्ले से सोशल मीडिया प्लैटफार्म्स का इस्तेमाल करते हुए शराब और तंबाकू का प्रचार प्रसार कर रही हैं, इतना ही नहीं शराब और तंबाकू के सेवन को सोशल मीडिया पर ग्लैमराइज भी किया जा रहा है। चाहे फेसबुक हो या इंस्टाग्राम या फिर कोई अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म धड़ल्ले से इन प्लैटफार्म्स पर प्रचार किया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर तंबाकू और शराब के प्रचार-प्रसार को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, क्योंकि कंपनियां विभिन्न तरीकों से, विशेष रूप से सोशल मीडिया पर प्रभावशाली लोगों और प्रायोजित पोस्ट के माध्यम से युवा पीढ़ी तक पहुंच रही हैं। बता दें कि यह प्रचार नियंत्रण के बाहर होता जा रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर किया गया प्रचार न केवल तंबाकू और शराब के उपयोग को सामान्य दिखाता है, बल्कि युवाओं में इसे लेकर सकारात्मक धारणाएं भी पैदा करता है, जिससे उनके धूम्रपान या शराब पीने की संभावना बढ़ जाती है। आज लगभग हर एक व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है और शायद ही अब कोई घर पर बैठ कर टीवी देखने का टाइम निकाल पाता होगा और इसी का बड़ी शातिराना ढंग से फायदा उठा रही हैं तंबाकू-शऱाब उत्पाद करने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां, आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है, रील्स का दौर है, इन्फ्लूएनसर्स का दौर है और युवा अपना अधिकतर स्क्रीन टाइम स्मार्टफोन देखने में व्यतीत करता है जहां उसको बड़ी शातिराना और ग्लैमरस तरीके से तंबाकू और शराब का सेवन सिखाया जाता है।

ये कंपनियां युवाओं को मौत के मुंह में ढकेल रहीं हैं और स्वास्थ्य विभाग महज हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। तंबाकू को लेकर तमाम कानून तो बना दिए गए हैं लेकिन जमीनी स्तर पर उसका असर नहीं दिख रहा है। साहब! कानून तो ये भी है कि संवेदनशील जगहों जैसे स्कूल और अस्पताल के पास तंबाकू की बिक्री प्रतिबंधित है लेकिन स्कूलों के पास तंबाकू धड़ल्ले से बेंचा जा रहा है। सोचने वाली बात ये है कि मौजूदा समय में जो कानून बनाए गए हैं जब उन नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है तो स्वास्थ्य विभाग सोशल मीडिया की इस सुनामी से कैसे निपटेगा या फिर ये माना जाए कि स्वास्थ्य विभाग इन कंपनियों के सामने नकमस्तक दिखाई दे रहा है।

क्या बोले डीजी हेल्थ-

यह एक गंभीर समस्या है, इसकी वजह से सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी आकर्षित होती है और उनपर बहुत गलत असर पड़ता है, जिला स्तर पर सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं। हम लोग मॉनिटरिंग कर रहे हैं और जहां भी इसकी जानकारी मिलती है तो हम तुरंत नोटिस देकर कार्रवाई करते हैं, साथ ही अपील करते हैं कि तंबाकू-शराब का सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार न करें।—— डॉ. रतन पाल सिंह सुमन, डीजी हेल्थ

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