
- गतिशक्ति मिशन रिश्वतखोरी कांड में लिप्त है पूरा बनारसी काकस
- सीबीआई ने दर्ज की 9 के खिलाफ एफआईआर
लखनऊ: रेलवे गतिशक्ति मिशन में रिश्वतखोरी के उजगार होते ही रेलवे के कई बडे अधिकारी अब सीबीआई की गिरफ्त में आयेंगे। सीबीआई ने रेल अधिकारियो, दो प्राइवेट लोगों समेत मेसर्स टांजेंट इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली, को भी घूसखोरी में आरोपी बनाया है। रेलवे के गति शक्ति मिशन में घूसखोरी के तार बनारस से जुडे है। बनारस डीआरएम कार्यालय तक पूरा काकस घूसखोरी में लिप्त होने के संकेत मिले हैं जिससे वहां के डीआरएम कार्यालय के बडे अधिकारी जल्द ही अब सीबीआई की गिरफ्त में आने की प्रबल संभावना है।
सीबीआई के विश्वसनीय वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार सीबीआई ने बीएनएस के तहत विवेक कुशवाहा डिप्टी सीईएन गति शक्ति मिशन उत्तर रेलवे लखनऊ, राकेश रंजन वरिष्ठ उप अभियंता समन्वय एनईआर वाराणसी, मनीष ओएस मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय एनईआर वाराणसी, अभिषेक गुप्ता एसएसई वकर््स एनईआर वाराणसी, योगेश गुप्ता एकाउंट सेक्शन आफ एईएन एनईआर वाराणसी, सुशील कुमार राय वरिष्ठ लिपिक एनईआर, प्रवीण कुमार सिंह मेसर्स टैंजेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली, जिमी सिंह, प्रवीण कुमार सिंह व मेसर्स टांजेंट इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली पर एफआईआर दर्ज करायी है। ये काकस साथ मिलकर रिश्वत लेकर बिल पारित करने और रेलवे ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने में लगा हुआ है।

गति शक्ति परियोजना के अंतर्गत एक कार्य निविदा भदोही, वाराणसी, में प्रवीण कुमार सिंह और सिकंदर अली को एक अनुबंध प्रदान किया गया है जो विवेक कुशवाहा उप मुख्य अभियंता गति शक्ति उत्तर रेलवे लखनऊ के पर्यवेक्षण में आता है। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार 21 जून और 26जून को प्रवीण कुमार सिंह ने अपने सहयोगी जिमी सिंह के जरिये 2,00,000 रुपये की रिश्वत राशि राकेश रंजन वरिष्ठ उप मुख्य अभियंता समन्वय उत्तर रेलवे वाराणसी को देने का निर्देश दिया जिससे बढे हुए बिल को वे पास कर सकें। प्रवीण कुमार सिंह ने राकेश रंजन का नंबर जिमी सिंह को देकर व्हाट्सएप पर सूचित करके रिश्वत की रकम राकेश रंजन को क्लब में पहुँचा दी।
इससे पहले 28अप्रैल को अभिषेक गुप्ता एसएसई वर्क्स एनईआर वाराणसी ने प्रवीण कुमार सिंह को दिए गए उपकार के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत की माँग की। अभिषेक गुप्ता ने खाते का विवरण जिमी सिंह को दिया। प्रवीण कुमार सिंह के लेखाकार केशव चौधरी ने अभिषेक गुप्ता के बैंक खाते में पचास हजार जमा कर दिये। मनीष ओएस डीआरएम आफिस वाराणसी मेसर्स टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के बढ़े हुए परिवर्तन के बिलों को पारित करवाने के बदले में रिश्वत लेते हैं।
मनीष 3 करोड़ रुपये के बिल को पास करवाने के लिए पैसों की मांग की बाद में 03 जुलाई को मनीष ने डीआरएम से बिल को डीआरएम द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है और दावा किया कि उनके ईमानदार व्यक्तिगत प्रयासों के कारण बिल का भुगतान कर दिया गया है।सुशील कुमार राय, जो वाराणसी डिवीजन के सहायक अभियंता एईएन के कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात हैं,13जुुलाई को प्रवीण कुमार सिंह ने अपने कर्मचारी जिम्मी सिंह को 14 जुलाई को लखनऊ जाने और विवेक कुशवाहा उप मुख्य अभियंता गति शक्ति लखनऊ को 7 लाख रुपये की रिश्वत देने का निर्देश दिया।
सीबीआई अब इस मामले में रिश्वतखोरों की नामजद रिपोर्ट दर्ज करने के बाद बनारस में जांच तेज करेगी जिससे बडी मछलियों के भी गिरफ्त में आने की संभावना है। जांच के आगे बढने के साथ ही इसमें कई और खुलासे होने की संभावना है।