लखनऊ : बकवास बंद करिये,झूठी रिर्पोटों के बाद जनता को फेस करिये मालूम पड जायेगाः ए.के.शर्मा

लखनऊ : बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने की सुपारी ले रखी है। बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं है कि केवल बिल के पैसे वसूलने के लिए काम करे। यह एक जनसेवा है और हमें उसी हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा बुधवार को अपने ही विभाग की मीटिंग में आए और पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल समेत दो अन्य अधिकारियों की कार्यशैली के चलते मीटिंग छोड़कर चले गए। विभागीय मंत्री की नाराजगी इस कदर थी कि उन्होंने मीटिंग के दौरान जलपान तक नहीं किया।

चेयरमैन से लेकर पूरे राज्य के एक्सईएन तक की मीटिंग में सबसे पहले ऊर्जा मंत्री ने पूरे दस मिनट तक बिजली विभाग के मुखिया चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल और कुछ अधिकारियों को सुना। इसके बाद मंत्री बोले तो पूरा महकमा हिल गया। मंत्री ने कहा, आप लोग अपनी बकवास बंद करिए। मैं आपकी बकवास सुनने को नहीं बैठा हूँ। नीचे ज़मीनी हकीकत एकदम अलग है। जनता को फेस करिए, तब मालूम पड़ेगा। मैं कई जिलों का दौरा करके कल ही लौटा हूँ। आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। जनता पर क्या बीत रही है और लोग विभाग के बारे में क्या सोच रहे हैं, यह आपको मालूम ही नहीं। पुलिस से भी खराब काम है आप लोगों का। जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है, वही आप लोग ऊपर तक बताते हो।

पूरा फीडर या गाँव की लाइन काटने पर फटकार लगाते हुए मंत्री ने कहा कि उन उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो समय से बिल भर रहे हैं। उनका जला हुआ ट्रांसफॉर्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना कौन सा न्याय है? लगता है बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने के लिए सुपारी ले ली है। कंप्यूटर के ज़माने में एक सामान्य आदमी का 72 करोड़ रुपये का बिल आता है और फिर उसे ठीक करने के लिए पैसा लिया जाता है। गलत जगह विजिलेंस के छापे डाले जा रहे हैं, जहाँ बड़ी चोरी हो रही है वहाँ नहीं जाते। पैसा वसूला जा रहा है जांच के नाम पर। मौखिक रूप से बोल-बोल कर मैं थक गया हूँ, अब इसे लिखित रूप में दिया जाएगा। आप लोग मीटिंग में हमारी बात सुनने के बाद भी कहीं और से संचालित होकर उल्टा ही करते हो। अब यह सब नहीं चलेगा। मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूँ। विधानसभा में जवाब देता हूँ, आपको किसने अधिकार दिया मनमानी करने का? आप लोगों के गलत और असामयिक निर्णयों का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है।

संविदा कर्मियों को निकालने का विषय, फोन न उठाने का विषय, विद्युत दुर्घटनाओं के विषय पर मेरे बार-बार कहने के बावजूद आप लोग सतर्क नहीं हो रहे हो। मंत्री पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल समेत दो बड़े अधिकारियों की कार्यशैली से अत्यधिक नाराज थे। कर्मचारियों के उत्पीड़न से भी खासे खफा थे। मीटिंग में इन अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज होकर मंत्री बीच में ही मीटिंग छोड़कर चले गए और पीछे से आए इन अधिकारियों के मनाने पर भी वापस नहीं लौटे।

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