
- राज्यपाल की पहल पर राजभवन उत्तर प्रदेश और व्योमिका फाउंडेशन के बीच समझौता, एचडीएफसी बैंक लगभग 12.5 लाख रूपये खर्च करेगा
Lucknow : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन, लखनऊ में राजभवन उत्तर प्रदेश और व्योमिका फाउंडेशन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन संपन्न हुआ, जिसके अंतर्गत राजभवन परिसर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में लगभग साढ़े बारह लाख की लागत से “स्पेस साइंस एंड इनोवेशन लैब” की स्थापना की जाएगी। इस लैब की स्थापना एचडीएफसी बैंक के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड से की जा रही है।
यह पहल व्योमिका फाउंडेशन द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, अहमदाबाद के सहयोग से संचालित की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य विद्यालय के विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खगोल विज्ञान और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि, समझ और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना, विद्यार्थियों को हैंड्स-ऑन लर्निंग अनुभव प्रदान करना, विज्ञान, प्रोद्यौगिकी, अभियंत्रण और गणित शिक्षा को सशक्त बनाना तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप अनुभवात्मक एवं कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस लैब में विद्यार्थी सैटेलाइट मॉडल, रोवर, ड्रोन, और स्पेस मिशन सिमुलेशन जैसे अभिनव प्रोजेक्ट्स पर कार्य करेंगे, जिससे उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रचनात्मकता और समस्या समाधान की क्षमता का विकास होगा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों में प्रारंभिक अवस्था से ही वैज्ञानिक जिज्ञासा, अनुसंधान की प्रवृत्ति और नवाचार की सोच को विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में इस प्रकार की प्रयोगात्मक शिक्षा से विद्यार्थियों को विज्ञान की व्यावहारिक समझ प्राप्त होगी, जो उनके आत्मविश्वास और रचनात्मकता को बढ़ाएगी।
उन्होंने एचडीएफसी बैंक द्वारा सीएसआर फंड से इस परियोजना को सहयोग प्रदान करने के लिए सराहना व्यक्त करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र की ऐसी पहलें शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं और समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ने में योगदान दे रही हैं।
उन्होंने घोषणा की कि राजभवन में निर्माणाधीन आदर्श विद्यालय तथा इस नवस्थापित लैब का उद्घाटन आगामी 26 जनवरी को किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्य निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए और विद्यालय परिसर में एक सुंदर गार्डन भी विकसित किया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि आने वाला युग स्पेस टेक्नोलॉजी का युग है और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बच्चों को इस दिशा में शिक्षित और प्रशिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से राजभवन परिसर में निर्माणाधीन आदर्श विद्यालय में इस स्पेस साइंस एंड इनोवेशन लैब की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं इस परियोजना की प्रत्येक गतिविधि की निगरानी कर रही हैं, ताकि कार्य समय से और गुणवत्तापूर्वक पूरा हो सके।
राज्यपाल जी ने कहा कि इन छोटे बच्चों में अपार आशा और अद्भुत कौशल छिपा है, और उनकी इस आशा तथा प्रतिभा को दिशा देना ही हमारा कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि राजभवन विद्यालय से आठवीं पास करने के बाद जिन विद्यार्थियों का प्रवेश (नामांकन) अन्य स्कूलों में कक्षा 9 वीं में हुआ है, उन विद्यालयों में भी एचडीएफसी बैंक के सहयोग से स्मार्ट क्लासेज स्थापित की जा रही हैं।
इन विद्यार्थियों को बैंड की ट्रेनिंग, कंप्यूटर क्लासेस और अन्य नवाचार आधारित प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्यपाल जी ने बताया कि राजभवन में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने स्वयं पहल करते हुए बच्चों और अभिभावकों को प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप नामांकन में वृद्धि हुयी हैं। वर्तमान में बच्चों की फीस राजभवन द्वारा वहन की जा रही है और सभी विद्यार्थी मनोयोगपूर्वक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
राज्यपाल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि, “हमारा काम आपको अवसर और सुविधाएं देना है, लेकिन पढ़ना और आगे बढ़ना आपकी जिम्मेदारी है।” उन्होंने माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को समय पर विद्यालय भेजना, उन्हें तैयार करना, और उनकी पढ़ाई पर ध्यान देना, माता-पिता का नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि माता-पिता और अध्यापक दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे। प्रत्येक विद्यालय में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। राज्यपाल ने माता-पिता और अध्यापकों से यह भी अपील की कि वे बच्चों को नशे और समाज में फैली बुराइयों से दूर रखने के लिए निरंतर मार्गदर्शन दें।
बच्चों को सही दिशा देना, उन्हें गलत संगति से बचाना और उनका सर्वांगीण विकास करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
राज्यपाल ने अध्यापकों को भी संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अपने विद्यार्थियों के प्रति संवेदनशील बनना होगा। यदि कोई बच्चा विद्यालय नहीं आता है तो अध्यापक को तुरंत उसके माता-पिता से संपर्क करना चाहिए, या आवश्यकता पड़ने पर स्वयं उसके घर जाकर जानकारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि “यदि किसी बच्चे की अनुपस्थिति लगातार बनी रहती है, तो मैं स्वयं उसके घर जाकर पूछूँगी कि वह विद्यालय क्यों नहीं जा रहा है।
राज्यपाल जी ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि “जीवन में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए पढ़ाई को गंभीरता से लेना आवश्यक है। मेहनत से बढ़कर कोई विकल्प नहीं है।” उन्होंने कहा कि राजभवन में स्थापित विद्यालय के बच्चे न केवल पढ़ाई में बल्कि विभिन्न कौशल गतिविधियों में भी दक्ष हो रहे हैं बच्चे स्केटिंग और खेल-कूद जैसी गतिविधियों में रुचि ले रहे हैं।
उन्होंने निर्देश दिया कि राजभवन विद्यालय में महात्मा गांधी की आत्मकथा का एक अध्याय प्रतिदिन प्रार्थना सभा के बाद पढ़ाया जाए और उस पर विद्यार्थियों से चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि “गांधी जी के जीवन के विचार बच्चों में नैतिकता और चरित्र निर्माण की भावना उत्पन्न करेंगे।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि राजभवन परिसर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय को अब कक्षा दसवीं तक की मान्यता प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही नामांकन प्रारंभ किए जाएंगे। साथ ही, बच्चों की सुविधा के लिए उन्हें आने-जाने हेतु स्कूल वैन की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
इस अवसर पर विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल जानी, गोविन्द यादव चेयरमैन व्योमिका फाउंडेशन उत्तर प्रदेश, मनोज राय वाइस प्रेसिडेंट रिटेल ब्रांच बैंकिंग, बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, राजभवन के अधिकारी कर्मचारी, स्कूली बच्चे तथा उनके अभिभावकों सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।
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