LUCKNOW : आखिरकार छह साल बाद शुरू हुआ राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने किया लोकार्पण

  • मंत्री जयवीर सिंह ने प्रेक्षागृह को पुनर्जीवित कर कलाकारों एवं रंगकर्मियों को सौंपकर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी

लखनऊ। राजधानी में रंगमंच के कलाकारों और दर्शकों की पसंदीदा जगहों में से एक राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह करीब छह साल बाद शुरू हो गया है। नवीनीकरण के चलते इतने साल लग गए। इस पर तीन करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा आया है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ के ग्रीष्मकालीन संगीत एवं कला अभिरूचि कार्यशाला-2025 का समापन तथा राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह का पुनः लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर प्रेक्षागृह को पुनर्जीवित कर कलाकारों एवं रंगकर्मियों को सौंपकर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। पर्यटन मंत्री ने उपस्थित कलाकारों एवं अन्य महानुभावों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज इस प्रेक्षागृह को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ भव्य रूप देकर फिर से उद्घाटन किया गया है। यह प्रेक्षागृह दीर्घकाल तक कला, संगीत, नृत्य और नाटकों के मंचन का केन्द्र बना रहे, इसलिए इसे उन्नत ध्वनि प्रकाश व्यवस्था से जोड़ा गया है। विभिन्न आधुनिक संयंत्रों से युक्त यह प्रेक्षागृह कलाकारों और कला प्रेमियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करता रहेगा।

जयवीर सिंह ने कहा कि भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देश में एक माह की ग्रीष्मकालीन वर्कशाप सम्पन्न की गयी, जिसमें 600 प्रतिभागियों ने अपने प्रस्तुतियां दी। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत की सनातन संस्कृति अगली पीढ़ियों के हाथों में सुरक्षित है। उन्होंने आगे कहा, भारत एक समय में विश्वगुरु था और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति पुनः वैश्विक मंचों पर गूंज रही है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोक कलाओं को संरक्षित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में वाद्य यंत्रों की किट उपलब्ध करा रही है। शहरी एवं ग्रामीण कलाकारों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। वृद्ध कलाकारों के लिए पेंशन योजना लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम की भावना से प्रेरित आज की पीढ़ी ही भारत को आर्थिक और सांस्कृतिक महाशक्ति बनायेगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि जो बच्चे ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन शिविरों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, उनमें से चयन कर उन्हें आगामी ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ में सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, प्रदेश के जो कलाकार राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करते हैं, उन्हें विशेष रूप से सम्मानित करने की योजना सरकार ने बनाई है।


इस अवसर पर भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह; उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, आयुष विभाग के प्रमुख सचिव श्री रंजन कुमार, खाद्य एवं रसद विभाग के प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद, नियोजन विभाग की सचिव शेल्वा कुमारी जे., पद्मश्री सम्मानित सुप्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी, राय उमानाथ बली जी के पौत्र श्री स्वरेश्वर बली, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष डॉ. जयन्त खोत, बिरजू महाराज कथक संस्थान की अध्यक्ष डॉ. कुमकुम धर, पर्यटन सलाहकार जे. पी. सिंह, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन, वित्त अधिकारी श्री मनीष कुमार कुशवाहा, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएँ, मीडिया बंधु तथा पद्मश्री सम्मानित लेखिका डॉ. विद्या विन्दु सिंह।

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