
Lucknow: पावर कार्पोरेशन प्रबंधन बिजली कर्मचारियों पर हड़ताल थोपने और औद्योगिक अशांति का वातावरण बनाने का प्रयास कर रहा है। एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग में निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए संशोधन जानबूझकर किये गये है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन पर यह आरोप लगाया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे के अनुसार पता चला है कि शुक्रवार को हुई एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग में निजी घरानों को मदद पहुंचाने की दृष्टि से ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 में कुछ संशोधन किए गए हैं। ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट 2025 अभी तक पब्लिक डोमेन में नहीं आया है और न ही इस पर केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने सभी स्टेक होल्डर्स की आपत्ति मांगी है। ऐसे में इस ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ना पूर्णतया असंवैधानिक है। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और शीर्ष प्रबंधन पर आरोप लगाया कि वे निजीकरण के विरोध में शांतिपूर्वक लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन कर रहे बिजली कर्मचारियों पर हड़ताल थोपना चाहती है। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को भेजे गए पत्र में शांतिपूर्वक आंदोलन को हड़ताल बताते हुए हड़ताल से निपटने की तैयारी के आदेश दिए हैं।
चेयरमैन द्वारा जिला अधिकारियों को भेजे गए इस प्रकार के पत्र और कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अभियंताओं को धमकी भरे अंदाज में संबोधित किया जाना बहुत ही भड़काऊ है और अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति उत्पन्न करने वाला कदम है। प्रदेश के 42 जनपदों का निजीकरण न तो कर्मचारियों के हित में है और न ही आम उपभोक्ताओं के हित में। निजीकरण होने के बाद आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में कम से कम तीन गुना की वृद्धि होने वाली है। सरकारी क्षेत्र के लिए बिजली एक सेवा है और निजी क्षेत्र के लिए बिजली एक व्यवसाय है।
संघर्ष समिति ने सवाल किया कि अगर 5 साल या 10 साल की नौकरी का बिजली कर्मचारी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर घर जाएगा तो उसे कहां नौकरी मिलेगी। भीख का कटोरा लेकर सड़क पर खड़े होने के अलावा उसके सामने और क्या विकल्प बचेगा। बिजली कर्मचारी किसी बहकावे में नहीं आने वाले हैं। बिजली कर्मी किसी भी कीमत पर निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे और यह शांतिपूर्ण आंदोलन कब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता।
यह भी पढ़े :
लखीमपुर खीरी : छेड़खानी का आरोपी राहगीरों की मदद से पहुंचा थाने, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
https://bhaskardigital.com/lakhimpur-khiri-accused-molestation-reached-police-station/
यह भी पढ़े : भाजपा नेता बालमुकुंद ने तिरंगे का किया अपमान! तिरंगे से पोछा पसीना, फिर बोले- ‘ये कांग्रेस की चाल’
https://bhaskardigital.com/bjp-leader-balmukund-insulted-tricolour-wiped-sweat/
यह भी पढ़े : व्योमिका सिंह पर टिप्पणी के बाद राम गोपाल यादव ने दी सफाई, कहा- ‘जाति का पता चल जाता तो…’
https://bhaskardigital.com/vyomika-singh-ram-gopal-yadav-clarified-caste-was-known/