
लखनऊ। अब हर विवाह पंजीकरण पर सख्त निगरानी होगी। स्टांप एवं पंजीकरण विभाग के अपर महानिरीक्षक (एआईजी) को यह ज़िम्मेदारी दी गई है कि वे प्रतिदिन विवाह पंजीकरण करने वाले उप रजिस्ट्रारों के कामकाज की समीक्षा करें। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विवाह पंजीकरण से जुड़ी सभी गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन हो रहा है या नहीं।
हर महीने एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें यह दर्ज होगा कि किन कार्यालयों ने निर्देशों के अनुसार कार्य किया और किन्होंने लापरवाही दिखाई।
नए नियम आने तक सख्ती से होंगे लागू मौजूदा निर्देश
जब तक राज्य में शादी के पंजीकरण को लेकर नए नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक मौजूदा दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। इस कार्य की निगरानी महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे, और प्रत्येक डिप्टी रजिस्ट्रार को पूरी तरह जवाबदेह बनाया गया है।
पुरोहित का हलफनामा और वीडियो अनिवार्य
शादी के पंजीकरण के वक्त अब विवाह सम्पन्न कराने वाले पुरोहित या व्यक्ति द्वारा शपथ-पत्र (हलफनामा) देना अनिवार्य होगा। इस शपथ पत्र में निम्न जानकारी अनिवार्य रूप से शामिल होगी:
- पुरोहित का नाम और पिता का नाम
- स्थायी और वर्तमान पता
- आधार कार्ड की प्रति
- मोबाइल नंबर और फोटो
- यह घोषणा कि उन्होंने ही विवाह सम्पन्न कराया है
इसके साथ ही विवाह समारोह की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अनिवार्य कर दी गई है, खासतौर पर भागे हुए जोड़ों के मामलों में।
प्रमाण-पत्र पर होगा स्पष्ट उल्लेख
डिप्टी रजिस्ट्रार विवाह प्रमाण-पत्र के पीछे साफ तौर पर यह लिखित प्रमाण देंगे कि उन्होंने 14 अक्टूबर 2024 की हाईकोर्ट अधिसूचना के अनुसार निर्देशों का पालन किया है, और उन्होंने शपथ-पत्र का अध्ययन करके पूरी संतुष्टि के साथ विवाह पंजीकरण किया है।
हर स्तर पर जवाबदेही तय
इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सहायक महानिरीक्षक (AIG) की भूमिका भी अहम होगी। वे यह देखेंगे कि डिप्टी रजिस्ट्रार सही तरीके से कार्य कर रहे हैं या नहीं। इसके लिए हर कार्यालय में एक विशेष रजिस्टर रखा जाएगा, जिसमें मासिक आधार पर अनुपालन से संबंधित प्रविष्टियाँ दर्ज की जाएंगी।
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