
- केजीएमयू के मुंहाने पर खुलेआम बिक रहा तंबाकू रुपी जहर!
- डिप्टी सीएम के जारी दिशा-निर्देशों को संबंधित विभागों का ठेंगा
Lucknow : शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के तमाम दावे और वादे महज हवा हवाई साबित हो रहे हैं, आलम ये है कि शहर का मुख्य अस्पताल जहां रोजाना दिन-रात गंभीर मरीज आते हैं उसके इर्द-गिर्द अतिक्रमण का मकड़जाल फैला हुआ है, जी हां हम बात कर रहे हैं केजीएमयू की जहां जाने से पहले आपको लंबे जाम से जूझना पड़ेगा क्योंकि केजीएमयू के आस-पास अतिक्रमणकारियों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर रखा है, और सरकारी तंत्र हमेशा की तरह फेल साबित होता हुआ नजर आ रहा है। बता दें कि इस अवैध अतिक्रमण की वजह से केजीएमयू के आस-पास आए दिन भीषड़ जाम की स्थिति बनी रहती है, यहां तक की ट्रॉमा सेंटर के पास अतिक्रमण का तो भीषड़ मकड़जाल फैला हुआ है, ट्रॉमा सेंटर में गंभीर मरीज आते हैं जिनके लिए समय ही जीवन है और वो समय जाम के जंजाल से जूझते-जूझते चला जाता है, आए दिन भीषड़ जाम रहता है और इस जाम में गंभीर मरीजों को अस्पताल ला रही एंबुलेंस फंस जाती है।
केजीएमयू के मुंहाने पर बिक रहा जहर

स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि संवेदनशील जगहों जैसे कि स्कूल व अस्पतालों के आसपास तंबाकू उत्पाद से जुड़ी सामग्री जैसे कि गुटखा, सिगरेट, बीड़ी व अन्य नशीले पदार्श बेंचना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। लेकिन हैरानी की बात है कि नियमों को ताक पर रखकर केजीएमयू के मुंहाने पर ही तंबाकू, सिगरेट, गुटखा और बीड़ी बेंचा जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग महज कथित और कागजी जागरुकता अभियान चलाता हुआ नजर आता है। आलम तो ये है कि केजीएमयू के अंदर कई बार तंबाकू निषेध जागरुकता अभियान चलाया जा चुका है जहां बड़े-बड़े डॉक्टर्स इस जहर के खिलाफ काफी अच्छी-अच्छी बातें और तथ्य रखते हैं लेकिन केजीएमयू के मुंहाने पर आते ही तंबाकू नामी जहर बिकता नजर आता है।
सड़क पर खड़ीं गाड़ियां बढ़ा रही समस्याएं

अतिक्रमणकारी इतने शातिर हैं कि नगर निगम द्वारा लगाए हुए नो-वेंडिंग जोन के बोर्ड को छुपा कर अवैध अतिक्रम कर रखा है। सोने पर सुहागा ये हैं कि अतिक्रमण की समस्या तो है ही साथ ही लोग सड़कों अपने वाहन पार्क कर रहे हैं जो कि अव्यवस्थाओं को और बढ़ा रहा है जिससे मरीजों व उनके परिजनों को आए दिन समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।

डिप्टी सीएम के पूर्व में जारी आदेश
बता दें कि पूर्व में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने केजीएमयू के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। उन्होंने केजीएमयू, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे, निर्देशों में स्पष्ट कहा गया था कि ठेले-खोमचे वालों को व्यवस्थित तरीके से हटाएं, लेकिन लापरवाही का आलम ये है कि डिप्टी सीएम के आदेशों को किसी भी विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया और स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। कहने वाले तो ये भी कहते हैं कि इन अतिक्रमणकारियों को सरकारी तंत्र का संरक्षण प्राप्त है चाहे वो नगर निगम हो या फिर पुलिस, और यहीं कारण है कि डिप्टी सीएम के आदेश महज हवा-हवाई साबित हो कर रह गए।










