
लखनऊ नगर निगम बजट सत्र की पहली कार्यकारणी की बैठक तमाम खींच-तान में बाद आखिकार सोमवार को सम्पन्न हो गई। बता दे कि नए प्रस्तावित बजट को लेकर पार्षद नाराज चल रहे थे, जिसमें मुख्य रूप से पार्षद निधि की बढ़ाने का प्रस्ताव न होना और सफाई के बजट में सैकड़ों करोड़ो की अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी को लेकर भी नाराजगी थी। जिससे पार्षदों ने कार्यकारणी में हिस्सा नहीं लिया था। लेकिन सोमवार को पार्षदों की नाराजगी को दूर करते हुए बजट में पार्षद निधि में इजाफा किया गया ।
वहीं रमांकी कंपनी दिए गए टेंडर में बजट की बढ़ोत्तरी नहीं की गई अब कंपनी पूर्व की तरह केवल रोजाना एक हजार किलोमीटर सड़क की ही सफाई करेगी जिसमें मुख्य मार्ग ही शामिल है । गलियों की सफाई की जिम्मेदारी रमांकी कंपनी को नहीं दी गई है ।वही मेयर और नगर आयुक्त ने अपने बजट में करोड़ो रुपए की कटौती करी है।
लखनऊ नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश कर दिया है, जिसमें शहर के विकास और नागरिक सुविधाओं को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं। महापौर की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस बजट को मंजूरी दी गई।
खास बात यह रही कि इस बार महापौर और नगर आयुक्त ने अपनी निधि में कटौती की है, जबकि पार्षदों के विकास कोटे को बढ़ा दिया गया है।बजट में सफाई व्यवस्था, जल निकासी, स्कूलों की मरम्मत, पार्कों की देखरेख और डिजिटल प्रशासन को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं। यूजर चार्ज को गृहकर से जोड़ने जैसे कई नए प्रावधान भी किए गए हैं, जिससे नगर निगम की आय में सुधार होगा और सुविधाएं बेहतर होंगी।
इस बार के बजट का मकसद लखनऊ को एक स्मार्ट और स्वच्छ शहर बनाना है, जिससे हर नागरिक को फायदा हो सके। बजट में कुल आय 4,23,663.51 लाख रुपये और कुल व्यय 3,25,496.05 लाख रुपये प्रस्तावित किया गया है। इस बजट में शहर के विकास कार्यों, सफाई, जल निकासी और पार्कों की मरम्मत के लिए बड़ी धनराशि का आवंटन किया गया है।
महापौर की निधि घटी, पार्षदों की बढ़ी
बैठक में पार्षदों की निधि 2 करोड़ 10 लाख कर दी गई। यह जीएसटी जोड़कर है। महापौर और नगर आयुक्त की निधि को कम किया गया है। पहले नगर आयुक्त की निधि 25 करोड़ की थी। जोकि घटाकर अब 10 करोड़ रुपये कर दी गई है। वहीं महापौर की निधि 30 करोड़ से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है। इस बजट को नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में पारित किया गया।
इस बैठक में नगर आयुक्त श्री इंद्रजीत सिंह, समस्त अपर नगर आयुक्त, चीफ फाइनेंस ऑफिसर, चीफ टैक्सेशन ऑफिसर, समस्त जोनल अधिकारी, जीएम जलकल, चीफ इंजीनियर समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
शमशान और पार्कों के लिए बढ़ा फंड
नगर निगम ने इस बार शहर के शमशानों और पार्कों के सुधार पर विशेष ध्यान दिया है। शमशान मरम्मत के लिए पहले 10 लाख रुपये रखे गए थे, जिसे बढ़ाकर 100 लाख रुपये कर दिया गया है। इसी तरह पार्कों की बाउंड्री, रंगाई-पुताई और रखरखाव के लिए 200 लाख रुपये के बजट को बढ़ाकर 600 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे शहर के पार्कों की स्थिति में सुधार होगा और लोग स्वच्छ व सुंदर वातावरण में समय बिता सकेंगे।
स्कूलों के लिए बड़ी सौगात
शहर में स्कूलों की मरम्मत और नए स्कूलों के निर्माण के लिए भी बजट में अच्छी रकम रखी गई है। पहले यह राशि 100 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 500 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार होगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा मिल सकेगी।
डिजिटलीकरण को बढ़ावा
नगर निगम ने ई-ऑफिस और कंप्यूटरीकरण पर भी ध्यान दिया है। पहले इसके लिए तीन करोड़ रुपये रखे गए थे, जिसे बढ़ाकर चार करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता आएगी और नगर निगम से जुड़ी सेवाओं को ऑनलाइन किया जाएगा।
वार्ड विकास के लिए बढ़ी राशि
हर वार्ड को मिलने वाली वार्ड विकास प्राथमिकता निधि को प्रति वार्ड डेढ़ करोड़ रुपये से बढ़ाकर प्रति वार्ड दो करोड़ दस लाख रुपये कर दिया गया है। इस फंड का उपयोग सड़कों, गलियों, पार्कों, स्कूलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों के विकास में किया जाएगा। अगर किसी विकसित वार्ड में यह धनराशि बचती है, तो उसे अन्य अविकसित वार्डों में खर्च किया जाएगा।
सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान
शहर की सफाई व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए 330 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। सफाई कर्मचारियों और कचरा प्रबंधन के लिए 130 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है। इसके अलावा, नालों की सफाई के लिए 15 करोड़ रुपये, डीजल-पेट्रोल पर 20 करोड़ रुपये और प्रकाश व्यवस्था के लिए 48 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे उम्मीद है कि शहर की सफाई व्यवस्था पहले से बेहतर होगी।
गरीबों का होगा निःशुल्क अंतिम संस्कार
निर्धन लोगों के लिए नगर निगम ने विशेष प्रावधान किया है। उनके अंतिम संस्कार के लिए निःशुल्क लकड़ी उपलब्ध कराने के लिए 10 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह योजना उन गरीब परिवारों के लिए राहत लेकर आएगी, जो अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने में असमर्थ होते हैं।
घटाया गया यूजर चार्ज
नगर निगम ने यूजर चार्ज में भी बदलाव किए हैं। अब 1000 वर्ग फीट तक के आवासीय भवनों के लिए 50 रुपये प्रति माह, जबकि 1000 वर्ग फीट से ऊपर के भवनों के लिए 100 रुपये प्रति माह शुल्क निर्धारित किया गया है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए पहले की तरह ही चार्ज लिया जाएगा। साथ ही, इस शुल्क को गृहकर से लिंक किया जाएगा ताकि इसकी वसूली आसानी से हो सके।
नगर निगम के इस फैसले का उद्देश्य शहर को स्मार्ट और साफ-सुथरा बनाना है। जनता को सुविधाएं देने के लिए इस बार के बजट में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। आने वाले समय में इसका सकारात्मक प्रभाव शहर की सड़कों, गलियों, पार्कों और सफाई व्यवस्था में जरूर दिखेगा।
सुनीता विलियम्स के नाम पर सड़क
जानकीपुरम वार्ड में टेढ़ी पुलिया चौराहे से स्पोर्ट्स कॉलेज और टेढ़ी पुलिया से विकास नगर तिराहा जाने वाली सड़क (इसरो कार्यालय) को सुनीता विलियम्स मार्ग नाम दिया जाएगा।इस बैठक में नगर निगम के संपत्ति विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई और सर्वसम्मति से उन्हें मंजूरी दे दी गई। आइए जानते हैं इन प्रस्तावों के बारे में:
नगर निगम की जमीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए होगी इस्तेमाल
- एसटीपी और तालाब सौंदर्यीकरण के लिए जमीन
ग्राम कनौसी में खसरा संख्या 1979/2.070 हेक्टेयर और 1859/0.098 हेक्टेयर ऊसर भूमि में से 1.500 हेक्टेयर जमीन एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाने के लिए दी जाएगी। इसके अलावा, खसरा संख्या 1860/0.544 हेक्टेयर और 1861/0.025 हेक्टेयर तालाब क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
- महिला छात्रावास के निर्माण के लिए भूमि
महिलाओं के लिए सुरक्षित और बेहतर छात्रावास की जरूरत को देखते हुए ग्राम कल्ली पश्चिम, ग्राम अमौसी और ग्राम अमराईगांव की कुल 4.549 हेक्टेयर जमीन छात्रावास के निर्माण के लिए आवंटित की गई है।
- अमृत 2.0 योजना के तहत एसटीपी निर्माण
ग्राम मड़ियाव में खसरा संख्या 603स की 0.3950 हेक्टेयर भूमि में से 40×40 मीटर क्षेत्र को अमृत 2.0 योजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण के लिए मंजूरी दी गई है।
- भ्रष्टाचार निवारण संगठन के लिए भवन निर्माण
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और प्रभावी जांच के लिए ग्राम कल्ली पश्चिम, तहसील सरोजनी नगर, जिला लखनऊ में खसरा संख्या 1819ख की 1.527 हेक्टेयर भूमि में से 0.485 हेक्टेयर भूमि को भ्रष्टाचार निवारण संगठन की मण्डल स्तर की इकाइयों और थानों के निर्माण के लिए स्वीकृत किया गया।
- दौलतगंज एसटीपी के लिए वैकल्पिक स्लज निस्तारण भूमि
जल शुद्धिकरण की व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए ग्राम अमौसी, तहसील सरोजनी नगर, लखनऊ में खसरा संख्या 806च की 9.611 हेक्टेयर ऊसर भूमि में से 2.529 हेक्टेयर भूमि M/S Suez India Private Ltd, Lucknow को 10 वर्षों के लिए निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। यह भूमि जलकल विभाग और उक्त कंपनी के बीच हुए संविदा प्रावधानों के अनुसार दी जाएगी।