
लखनऊ। लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में संचालित जन औषधि केंद्रों पर मरीजों को अब पहले से भी सस्ती दरों पर जेनेरिक दवाएं मिल रही हैं। बीपी, शुगर और मस्तिष्क रोग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण दवाओं के दामों में 10 से 15 फीसदी तक की गिरावट आई है।
दवाओं के सस्ते होने का कारण
केंद्र प्रभारियों के अनुसार, नई खेप में जो दवाएं आई हैं, वे कम दाम पर उपलब्ध हैं। इसका कारण यह है कि कई जेनेरिक दवाओं से अब पेटेंट हट चुका है। जब किसी दवा का पेटेंट खत्म होता है, तो उसका निर्माण कई कंपनियां कर सकती हैं, जिससे कीमत काफी हद तक घट जाती है। पहले इन दवाओं पर 80 से 90 फीसदी तक कमीशन होता था, लेकिन अब ये आधे से भी कम कीमत में उपलब्ध हैं।
जन औषधि केंद्रों की स्थिति
शहर के 11 सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र संचालित हैं। पहले टेंडर प्रक्रिया में देरी और लाइसेंस न होने के कारण फरवरी में ये केंद्र बंद हो गए थे, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हुई थी। लेकिन मार्च के अंत तक अस्पतालों को फिर से ड्रग लाइसेंस मिल गया और सभी केंद्र दोबारा खुल गए।
कम हुए दवाओं के दाम (नई कीमतें)
दवा का नाम | पहले कीमत (₹) | अब कीमत (₹) |
---|---|---|
विल्डाग्लिक्टिन 50 एमजी | 50 | 35 |
लीनाग्लिप्टिन 5 एमजी | 45 | 38 |
टेनेलीग्लिप्टिन 20 एमजी | 50 | 20 |
सिटाग्लिप्टिन फोसफेट 100 एमजी | 100 | 80 |
सकुबिट्रील एंड वलसारटन 50 एमजी | 220 | 72 |
सकुबिट्रील एंड वलसारटन 100 एमजी | 400 | 140 |
टोलपेरीसोन 150 एमजी | 30 | 15 |