
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने आठ पार्षदों को नोटिस भेजा है। यह कार्रवाई उन पार्षदों के खिलाफ की गई है जो मेयर की कार्यकारिणी बैठक में उपस्थित नहीं हुए थे। भाजपा ने यह कदम उन पार्षदों पर कार्रवाई करने के बाद उठाया है, जिन्होंने पार्टी की नीतियों और बैठकों में भागीदारी से दूरी बनाई थी।
इससे पहले, ये सभी पार्षद भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता, राजनाथ सिंह से मिलने पहुंचे थे, जिसके बाद उनके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेताओं ने इन पार्षदों की बैठक में अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया और पार्टी की अनुशासनहीनता को दूर करने के लिए कदम उठाया।
बैठक में ना पहुंचने वाले पार्षदों के खिलाफ यह कार्रवाई भाजपा की नीति के तहत की जा रही है, जो पार्टी के आंतरिक अनुशासन को बनाए रखने के लिए बहुत ही सख्त है। इस मुद्दे पर भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर कोई पार्षद या पार्टी कार्यकर्ता पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं होता है, तो पार्टी को उसकी जिम्मेदारी तय करनी होगी और कार्रवाई करनी होगी।
आगामी दिनों में और भी ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को रोका जा सके और पार्टी की नीतियों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
साथ ही, यह मामला भाजपा की राजनीतिक गतिविधियों में भी एक नया मोड़ ला सकता है क्योंकि यह दर्शाता है कि पार्टी अपने आंतरिक मुद्दों को सुलझाने के लिए किसी भी स्तर पर कार्रवाई करने को तैयार है।
बता दें कि लखनऊ नगर निगम में भाजपा की सत्ता है और पार्टी ने हमेशा अपने पार्षदों और कार्यकर्ताओं से पार्टी के लक्ष्यों और उद्देश्यों के प्रति निष्ठा बनाए रखने की अपील की है।