
लखनऊ :1860 में अवध के नवाब द्वारा बनवाए गए ऐतिहासिक रिफा-ए-आम क्लब पर मंगलवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण एलडीए का बुलडोजर चला। भारी पुलिस बल और इंजीनियरों की टीम के साथ पहुंचे एलडीए अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की, जिसे देख स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा।
प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा और उप सचिव मध्वेश कुमार की अगुवाई में यह अभियान चलाया गया। टीम के साथ एलडीए के कई इंजीनियर और सुरक्षा कर्मी भी मौजूद रहे।
सुनवाई कोर्ट में चल रही है, फिर भी क्यों?
क्लब परिसर में रह रहे परिवारों का कहना है कि वे पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं और आज तक किसी ने उन्हें खाली करने के लिए नहीं कहा। एक स्थानीय निवासी ने कहा, आज अचानक एलडीए का बुलडोजर आ गया, जबकि मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। यह सरासर अन्याय है।
नवाबी जमीन के किरायेदार हैं हम
कई लोगों ने दावा किया कि वे अवध के तीसरे नवाब की ज़मीन पर रह रहे हैं और वैध किरायेदार हैं। उन्होंने कहा कि क्लब की ज़मीन को लेकर इतिहास और कानून दोनों का सम्मान किया जाना चाहिए।
इतिहास की धरोहर बना विवाद का केंद्र
रिफा-ए-आम क्लब कभी अंग्रेजों के आरामगाह के तौर पर जाना जाता था। नवाबी दौर की इस धरोहर को अब अतिक्रमण करार देकर हटाने की कार्रवाई की जा रही है। इतिहासकारों का मानना है कि ऐसे स्थलों के साथ संवेदनशीलता बरती जानी चाहिए।
एलडीए ने क्या कहा
एलडीए अधिकारियों का कहना है कि क्लब की जमीन पर अवैध कब्जा है और इसे खाली कराना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की गई हैं।
ये भी पढ़ें: गाजीपुर : डंपर ने बाइक सवार पिता-पुत्र को कुचला, दोनों की मौत
बस्ती : महुलानी गांव के विकास कार्यों में गोलमाल, जांच पूरी, कार्यवाही की तैयारी