Lucknow : दिल का मामला है…. हर दिन 10 हजार कदम चलेंगे तो मजबूत बनेगा आपका हृदय, स्वस्थ जीवनशैली ही अच्छे स्वास्थ्य की आधारशिला

  • डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में विश्व हृदय दिवस समारोह में ‘डोन्ट मिस अ बीट’ पर किया जागरूक

Lucknow : इन्हें मालूम है, मैं दिल का मरीज़ हूं… फिर भी, वो मुझसे पूछते हैं….’आशिक मिज़ाज कैसा है…। …दिल टूटता है तो संभलने में वक़्त लगता है…।….दिल की बात दिल ही जानता है..। शायरों ने दिल को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की हैं….लेकिन इसमें आधी हकीकत और आधा फसाना होता है। मेडिकल साइंस के अनुसार दिल को स्वस्थ रखना है तो उसका खास ख्याल रखना होगा।

सोमवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में हृदय रोग विभाग द्वारा विश्व हृदय दिवस 2025 का आयोजन हुआ। इस वर्ष का विषय था ‘डोन्ट मिस अ बीट’। डॉक्टरों ने दिल को स्वस्थ रखने के लिए अपने विचार दिए। शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) सीएम सिंह द्वारा किया गया। निदेशक ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली ही अच्छे स्वास्थ्य की आधारशिला है और हृदय रोगों की रोकथाम का सबसे सशक्त साधन है। उन्होंने डॉ. आरएमएलआईएमएस परिवार से आह्वान किया कि वे स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करें और समाज को स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करें।

प्रो. भुवन चंद्र तिवारी, विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग ने हृदय रोग के समय पर निदान और उपचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी नागरिकों को प्रतिदिन दस हजार10,000 कदम चलने की आदत डालने की प्रेरणा दी ताकि हृदय मजबूत और स्वस्थ रह सके।
प्रो. सुभ्रत चंद्र, कार्यकारी कुलसचिव, ने हृदय रोग की रोकथाम में जागरूकता और शिक्षा की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने जीवनशैली में बदलाव के सरल संदेशों को समुदाय तक पहुंचाने के सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।

प्रो. प्रद्युम्न सिंह, डीन, डॉ. आरएमएलआईएमएस, ने हृदय रोग विभाग की पहल की सराहना करते हुए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव में कमी को हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया। प्रो. विक्रम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, ने कहा कि संस्थान की जिम्मेदारी है कि वह निवारक स्वास्थ्य का आदर्श प्रस्तुत करें और मूव आरएमएलआईएमएस अभियान को सशक्त बनाने में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।

डॉ. सुमित दीक्षित, मानद सचिव, एसपीपीएएच, ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार की पहलें चिकित्सा विज्ञान और जनजागरूकता के बीच की खाई को पाटती हैं और लोगों को छोटे-छोटे दैनिक कदम उठाकर आजीवन स्वास्थ्य की प्रेरणा देती हैं।

कार्यक्रम में संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लेकर हृदय स्वास्थ्य और निवारक हृदयरोग विज्ञान के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को मजबूती से रखने का प्रयास किया।

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