
लखनऊ के मलिहाबाद इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां थाने से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर स्थित मिर्जागंज गांव में एक अवैध असलहा फैक्ट्री पकड़ी गई है। इस फैक्ट्री को चलाने वाले हकीम सलाउद्दीन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी प्रदेशभर में अवैध असलहों की सप्लाई से जुड़ा हो सकता है।
कैसे हुआ खुलासा?
मलिहाबाद थाने में तैनात कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। उनके साथ उ0नि0 नरेंद्र सिंह, विवेक कुमार, अमन कुमार श्रीवास्तव, अश्विनी कुमार सिंह, महिला उपनिरीक्षक राखी वर्मा, तथा कांस्टेबल देवेश कुमार, नीशू मलिक, अरुण, और रणविजय गौतम मौजूद थे।
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि पुराने पिक्चर हॉल के पास स्थित एक मकान में एक व्यक्ति नाजायज असलहे तैयार करता है और बाहर बेचता है। सूचना मिलते ही टीम ने तत्काल छापेमारी की।
पांच घंटे चला सर्च ऑपरेशन
गुरुवार देर शाम मलिहाबाद और रहीमाबाद पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सलाउद्दीन के घर पर छापेमारी की। करीब पांच घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन में बड़ी मात्रा में अवैध हथियार, कारतूस और हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए गए। जब पुलिस ने पूछताछ की, तो सलाउद्दीन किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
घर में मिला असलहों का जखीरा
पुलिस टीम को सलाउद्दीन के घर से रेवल्वर, पिस्टल, बंदूकें, और उनके निर्माण में प्रयुक्त मशीनें व औजार मिले हैं। पुलिस को शक है कि वह सिर्फ देशी नहीं बल्कि विदेशी हथियारों का भी कलेक्शन रखता था। मौके पर सलाउद्दीन के साथ उसकी पत्नी और बेटी भी मौजूद थीं।क्या-क्या मिला मौके से?
करीब पांच घंटे तक चले तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया, जिसमें शामिल हैं:
40 खोखा कारतूस (.22 बोर), 02 जिंदा कारतूस (.32 बोर), 01 खोखा (.32 बोर)
07 एयरगन और एक .22 बोर रायफल
04 अधबने बट (बंदूक की पिछली डंडी)
01 थैला जिसमें असलहा निर्माण के उपकरण व कच्चा माल
01 थैला जिसमें 06 बांका, 02 छुरी, 01 आरी
01 झोला जिसमें 01 देसी तमंचा (.315 बोर), 03 पिस्टल, 02 देसी तमंचा (.22 बोर)
10 कारतूस (.315 बोर), 68 कारतूस (.22 बोर), 30 कारतूस (12 बोर)
दवाखाना की आड़ में चल रही थी फैक्ट्री
स्थानीय लोगों के अनुसार सलाउद्दीन एक हकीम है और अपने घर में ही दवाखाना चलाता था। इससे लोगों को उस पर संदेह नहीं हुआ। कुछ महीने पहले उसके तीन परिजनों की हत्या भी हुई थी, जिसके बाद से वह और भी संदेह के घेरे में था।
परिवार की पृष्ठभूमि
जानकारी के मुताबिक, सलाउद्दीन की एक बेटी नार्वे में पढ़ाई कर रही है जबकि दूसरी लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की छात्रा है। घर की पृष्ठभूमि पढ़ी-लिखी नजर आती है, जिससे इस मामले ने और भी हैरानी पैदा की है।
पुलिस को मिला ओवैश नाम का युवक
कार्रवाई के दौरान ओवैश नाम का एक संदिग्ध युवक भी सलाउद्दीन के घर पर मिला, जिसे पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा कुछ और संदिग्धों को भी पुलिस ने पकड़ा है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
स्थानीय लोग दंग, पुलिस कर रही विस्तार से जांच
घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोग भी हैरान हैं कि एक हकीम अपने घर में असलहों की फैक्ट्री चला रहा था और थाने के इतने पास होने के बावजूद किसी को भनक तक नहीं लगी। एडीसीपी नॉर्थ जितेंद्र दुबे के मुताबिक, पूरे नेटवर्क की गंभीरता से जांच की जा रही है। सलाउद्दीन से जुड़े अंतरराज्यीय सप्लाई नेटवर्क की भी संभावना जताई जा रही है।