
Lucknow : लखनऊ के बख्शी का तालाब नगर पंचायत में तैनात दर्जनों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को तीन माह से वेतन न मिलने से शनिवार को दोबारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। कर्मचारियों ने बताया कि नगर पंचायत कार्यालय में आउटसोर्सिंग से विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं, जिसमें कंप्यूटर ऑपरेटर, विद्युत विभाग, नल विभाग, चौकीदार, फील्ड सुपरवाइजर, व चपरासी आदि शामिल हैं। इन्हें विगत कई वर्षों से कार्यदाई एजेंसी आर्यन ग्रुप ऑफ गार्ड सर्विसेज द्वारा वेतन दिया जा रहा था, जो पिछले तीन माह से नहीं दिया गया है, और न ही अग्रिम माह का वेतन प्राप्त होने की संभावना दिख रही है।
इसके चलते वे अपने परिवार में हो रही बीमारियों में दवाई, इलाज, बच्चों की स्कूल फीस, राशन आदि से भी वंचित हैं, जिससे उनका पालन-पोषण कठिन हो रहा है। इन कर्मचारियों ने इसकी लिखित सूचना मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, अपर निदेशक, नगर विकास मंत्री समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर बीते माह सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर नगर पंचायत कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए। उस दौरान अपर निदेशक, नगर निकाय निदेशालय ऋतु सुहास ने 17 सितंबर को एक सप्ताह में वेतन दिलाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई थी।
करीब 25 दिन बीतने के बाद भी वेतन नहीं मिलने से सभी कर्मचारी नाराज होकर फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि वेतन न मिलने से आर्थिक कठिनाइयों के साथ रक्षाबंधन, दशहरा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी खराब हो चुके हैं, और अब आने वाले दीपावली का त्योहार भी खतरे में है। इसका उनके दैनिक जीवन पर गहरा असर पड़ा है। हताश होकर वे फिर से कार्य बहिष्कार करने को मजबूर हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उन्हें जल्द ही वेतन नहीं मिला, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। वहीं, इस मामले में बीकेटी नगर पंचायत अधिशाषी अधिकारी इंद्रभान से बात करने के लिए उनके सीयूजी नंबर पर दो बार कॉल की गई, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो सका।
उसके बाद नगर पंचायत अध्यक्ष गनेश रावत से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को आयोजित हुई बोर्ड बैठक में टेंडर करने के लिए प्रस्ताव पास किया गया था कि टेंडर प्रक्रिया में हुई अनियमितता की जांच के लिए शासन को पत्र भेजा जाए, ताकि अनुमति व विधिक राय लेकर पूर्व में कार्य कर रही संस्था को ही कर्मचारियों का भुगतान कर दिया जाए। लेकिन 25 तारीख से अब तक अधिशाषी अधिकारी द्वारा शासन को कोई पत्र नहीं भेजा गया है, जिसके कारण आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन देने के लिए संस्था का चयन नहीं हो सका है।
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