
Lucknow : राजधानी लखनऊ में एलडीए की नाक के नीचे अवैध निर्माण अपने चरम पर हैं। गोमतीनगर, जिसे योजनाबद्ध विकास का मॉडल कहा जाता था, अब अवैध निर्माणों और मनमाने व्यावसायिक उपयोग का गढ़ बन गया है।
विवेक, विशाल, विकास, विभव, विक्रांत और विजयंत खंड—हर जगह नियम और मानक ‘खंड-खंड’ होते नजर आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, एलडीए के जोनल अधिकारी ने कई अवैध रो हाउस सोसाइटी और यहां तक कि सील की गई इमारतों में भी निर्माण कार्य को हरी झंडी दे रखी है।
विराम खंड-1 के पत्रकारपुरम चौराहे के पास स्थित एक सील इमारत में हाल ही में ज्वैलरी शोरूम का उद्घाटन हुआ। हैरानी की बात यह है कि यह उद्घाटन 9 अक्टूबर को हुआ, जबकि इमारत पहले से एलडीए द्वारा सील घोषित है। अवर अभियंता का कहना है कि “प्राधिकरण के अति उच्च अधिकारी की सिफारिश” पर शोरूम को खोलने की अनुमति दी गई है।
आवासीय भूखंड पर खड़ी इस इमारत का 100 फीसदी व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। बिना पार्किंग के संचालित शोरूम के बाहर दिनभर ग्राहकों की गाड़ियां सड़क पर खड़ी रहती हैं, जिससे जाम और अव्यवस्था बढ़ रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण के अधिकारी मौन हैं। सवाल यह है कि आखिर किसके संरक्षण में राजधानी में इस तरह खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं?