
लखनऊ में वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, क्योंकि बाघ को पकड़ने में हुए खर्च के कारण विभाग वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। रहमानखेड़ा क्षेत्र में पिछले 90 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद बाघ को पकड़ा गया, लेकिन इस अभियान में लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
इस मिशन में 100 से अधिक कर्मचारियों की नियमित ड्यूटी लगी थी, और पेट्रोल, डीजल, खाना और उपकरणों पर भारी खर्च हुआ। अब तक इस अभियान के लिए सिर्फ 10 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि बाकी की राशि बकाया है।
वन विभाग के डीएफओ (डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर) ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बकाया राशि का भुगतान होगा, ताकि विभाग अपने कार्यों को सुचारु रूप से जारी रख सके।