
- डीआरएम समेत 60 रेलकर्मियों ने भरा नेत्रदान का शपथ पत्र
Lucknow : नेत्रदान एक ऐसा नेक कार्य है जो अंधेरे में जी रहे लोगों के जीवन को रोशनी प्रदान करता है। यह एक छोटा कदम लाखों आँखों को नई दृष्टि दे सकता है। मण्डल रेल प्रबन्धक गौरव अग्रवाल ने नेत्रदान जागरूकता सेमिनार में यह विचार व्यक्त किये।
नेत्रदान जागरूकता सेमिनार में मण्डल रेल प्रबन्धक सहित 60 रेलकर्मियों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान करने का शपथ पत्र भरा। उन्होंने सभी को नेत्रदान के लिए प्रेरित करते हुए जागरूकता फैलाने का आवाहन किया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ.अरुण शर्मा नेत्र प्रत्यारोपण विशेषज्ञ, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, ने बताया कि आधुनिक तकनीकों से एक कॉर्निया दो लोगों को दृष्टि प्रदान कर सकती है।
उन्होंने जागरूकता बढ़ाने के लिए ऐसे आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया। नेत्र चिकित्सक डॉ. बी.एन.चौधरी ने बताया कि भारत में नेत्रदान का प्रतिशत मात्र 0.002 है, जिसका कारण जागरूकता की कमी और सामाजिक भ्रांतियाँ हैं। उन्होंने लोगों से इन भ्रांतियों को दूर करने और नेत्रदान को अपनाने की अपील की।