
- सबसे अधिक सर्टिफिकेट लखनऊ मंडल में 2555 नवजातों को दिए
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पौधों को संरक्षण देने के लिए वन विभाग ने ने एक अनोखी पहल शुरू की, जिसमें एक से सात जुलाई के बीच जन्म लेने वाले नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट और उनके अभिभावकों को विभिन्न प्रजातियों के पौधे प्रदान किए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य नवजातों के साथ ही पौधों की भी देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा देना है।
इस अभियान के तहत, वन विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले 18,348 नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। इनमें से सबसे अधिक सर्टिफिकेट लखनऊ मंडल में दिए गए, जहां 2555 नवजातों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। इसके अलावा, देवीपाटन मंडल दूसरे और आगरा तीसरे स्थान पर रहा।
अभिभावकों को जामुन, सहजन, अमरुद, नीम, सागौन, शीशम, सिल्वर ओक, आंवला, कंजी, आम, अनार, बकैन, तुलसी, बरगद, पीपल, बेल, महुआ, कटहल, पाकड़, महागोनी, लीची, नींबू समेत कई प्रजातियों के पौधे प्रदान किए गए।
लखनऊ में 2555, देवीपाटन में 1854, आगरा में 1406, बरेली में 1379, प्रयागराज में 1332, मेरठ में 1141, सहारनपुर में 1055, कानपुर में 1052, अलीगढ़ में 1019, गोरखपुर में 1018, अयोध्या में 1015, मुरादाबाद में 709, झांसी में 602, बस्ती में 540, चित्रकूट में 515, वाराणसी में 491, आजमगढ़ में 414 और मीरजापुर में 251 नवजातों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
बहराइच में 989, बदायूं में 795, प्रयागराज में 782, सहारनपुर में 612, हरदोई में 601, गोरखपुर में 536, अलीगढ़ में 485, रायबरेली में 480, आगरा में 460, मथुरा में 428, मुजफ्फरनगर में 394, पीलीभीत में 387, फिरोजाबाद में 371, हाथरस में 359 और सुल्तानपुर में 354 नवजातों को सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
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