
- कर्मचारी संगठनों ने दी चेतावनी,असत्य बयान पर जताया आक्रोश
लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए कोई भी टेंडर प्रकाशित किया गया तो बिना किसी और नोटिस के तत्काल आंदोलन प्रारंभ कर दिया जाएगा जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रबंधन को चेतावनी दी।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे के अनुसार निजीकरण के विरोध में 14 मई से बिजली कर्मी नियमानुसार कार्य आंदोलन प्रारंभ करेंगे । संघर्ष समिति की बैठक में पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा 12 मई की वार्ता का पूर्णतया असत्य और भ्रामक प्रेस नोट जारी करने पर भारी आक्रोश व्यक्ति किया गया। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के द्वारा जारी असत्य प्रेस नोट से प्रदेश भर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है।
संघर्ष समिति ने इस बाबत पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन को पत्र भेजकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कहा है कि वार्ता के समुचित वातावरण के लिए आवश्यक है कि भविष्य में इस प्रकार के प्रेस नोट जारी न किए जाएं।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के निर्णय के विरोध में प्रदेश के समस्त ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियंता 14 मई से नियमानुसार कार्य आंदोलन करेंगे। आंदोलन के तहत बिजली कर्मी अपने लिए निर्धारित कार्य की अवधि में ही कार्य करेंगे। साथ ही बिजली कर्मी अपने लिए निर्धारित ड्यूटी ही करेंगे अन्य कोई ड्यूटी नहीं करेंगे। नियमानुसार कार्य आंदोलन से होने वाली किसी भी परिस्थिति की सारी जिम्मेदारी पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की होगी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए कोई भी टेंडर नोटिस प्रकाशित की गई तो बिना और कोई नोटिस दिए बिजली कर्मी तत्काल आंदोलन प्रारंभ कर देंगे जिसका सारा उत्तरदायित्व सरकार का और प्रबंधन का होगा। संघर्ष समिति ने एक बार पुनः कहा है कि निजीकरण के संदर्भ में वार्ता का समुचित वातावरण बनाने के लिए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को आंदोलन के फलस्वरूप की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां तत्काल वापस लेनी चाहिए।
यह भी पढ़ें – पंजाब के आदमपुर से पीएम मोदी का बड़ा संदेश…’अब हर चुनौती का मिलेगा मुंहतोड़ जवाब’