
- महिला डीजीपी की भी बन रहीं संभावनाएं
- आईपीएस राजीव कृष्ण प्रबल दावेदार
लखनऊ। इस बार उत्तरप्रदेश का नया डीजीपी कौन होगा इसके लिए चर्चाएं जोरों पर हैं। प्रदेश में महिला डीजीपी के साथ ही दिल्ली से लेकर प्रदेश के कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम रेस में हैं। वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके कार्यकाल के विस्तार के लिए किसी भी प्रकार की कोई चर्चा या गतिविधियां सामने नहीं आ रही हैं जल्द ही नये डीजीपी के लिए सभी रास्ता देख रहे हैं।
नये डीजीपी के लिए पहला नाम डीजी बीएसएफ दलजीत चौधरी का आ रहा है जिनके रिटायरमेण्ट के लिए अभी छह महीने से अधिक का समय बाकी है। आईपीएस दलजीत चौधरी के नाम की चर्चा अभी हाल ही में सीबीआई निदेशक के रूप में सामने आयी थी उनके नियुक्ति फिलहाल किन्हीं कारणों से सीबीआई में नहीं हो सकी। 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी एमके बशाल भी वरिष्ठता सूची में आगे हैं और उनका नाम रेस में तेजी से चल रहा है।
1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के चेयरमैन हैं। सेवानिवृत्ति में अभी चार वर्ष होने के कारण इनका नाम भी तेजी से रेस में चल रहा हैै। आईपीएस आलोक शर्मा भी वरिष्ठता सूची में शामिल हैं अभी तक इनका कार्यकाल भी शानदार रहा है। आलोक शर्मा एसपीजी की कमान संभाले हुए है। इसके साथ ही वर्तमान आईपीएस अधिकारियों की रेस में एक महिला आईपीएस अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है।
पूर्व में लंबे समय तक सीबीआई का काम काज संभाल चुकी तिलोत्तमा वर्मा वर्तमान में डीजी प्रशिक्षण के रूप में प्रदेश में तैनात हैं। प्रदेश सरकार यदि महिलाओं को आगे बढाने का साहस दिखाती है तो वह प्रदेश में नये डीजीपी के रूप में सबको चौंका सकती हैं।
वर्तमान परिदृश्य में भी महिला सशक्तिकरण सेना के आपरेशन सिंदूर में सबके सामने दिख चुका है इसलिए उन्हें मौका मिला तो वह नये प्रयोग भी कर सकती हैं। इनके अलावा डीजीपी की रेस में रेणुका मिश्रा, संदीप तालुके,आदित्य मिश्रा के भी नामों की चर्चा तेजी से है।
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