
लखनऊ: साइबर अपराधी बहुत तेजी से टेक्नोलोजी का प्रयोग कर अपराध को अंजाम दे रहे हैं इस कारण हमारे पुलिस के सभी स्तर को प्रशिक्षण एवं दक्ष करने की आवश्यकता है। हमे गतिमान होकर साइबर तकनीकी को अधिक से अधिक जानना होगा तभी हम साइबर अपराधियों से लड़ पायेगे और अपने अधीनस्थ कर्मियों को गाइड कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिर्सच एन्ड डेवलपमेन्ट भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित वर्टिकल इन्टेरेक्शन कोर्स कार्यक्रम में डीजीपी राजीव कृष्ण ने यह विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजीव कृष्ण ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी आपराधिक विषय पर कार्य करने के लिए हमें तीन बेसिक विषयों का ज्ञान होना जरूरी है जिसमे पहला है कानून, दूसरा टेक्नोलोजी और तीसरा फॉरेंसिक। आज जिस कोर्स का यूपीएसआईएफएस में शुभारम्भ हुआ है उसमे यह विषय समाहित हैं। उन्होंने कहा कि अब युद्व धरातल पर नहीं हो रहे हैं बल्कि साइबर दुनिया में हो रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों से कहा कि आप यहां से ज्ञान लेकर जाये और अपने सिस्टम में तकनीकी ज्ञान का प्रयोग करें जिससे आमजन मानस और पुलिसिंग के लिए ज्ञान वर्धक हो सके।
इस अवसर पर संस्थापक निदेशक डॉ.जी.के.गोस्वामी ने संस्थान के बारे में बताया कि वर्तमान में संस्थान में हमने बीपीआर एन्ड डी के सहयोग से दो कोर्स लांच किये हैं जिसमे पुलिस अधिकारियों के लिए पहले कोर्स कि शुरुआत आज से की गयी है। हमारा फोकस लॉ विद लैब पर विशेष रूप से है क्योकि जब तक कानून विशेषज्ञ को तकनीकी विषयों की जानकारी नहीं होगी और वैज्ञानिकों को कानून की जानकारी नहीं होगी तब तक इस क्षेत्र की सम्पूर्णता हो ही नहीं सकती।इस अवसर पर यूपीएसआईएफएस के अपर पुलिस अधीक्षक चिरंजिव मुखर्जी, अतुल यादव,जनसंपर्क अधिकारी संतोष कुमार तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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