
Lucknow : लखनऊ योगी सरकार के जाति आधारित रैलियों प्रतिबंध लगाने के आदेश का निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने विरोध जताया है।
मत्स्य मंत्री ने आदेश को गलत बताते हुए कहा है कि इससे वंचित और पीड़ित जातियों के न्याय व सम्मान पाने के रास्ते में बाधा आएगी। आदेश पर पुनर्विचार की मांग को लेकर वह सरकार को पत्र लिखेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने भी मुद्दा उठाएंगे।
उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद राज्य सरकार ने जाति आधारित रैलियों व सार्वजनिक स्थानों, पुलिस एफआइआर आदि में जातियों के उल्लेख पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। निषाद पार्टी अध्यक्ष ने इसे लेकर कहा है कि न्यायालय के आदेश पर सरकार को अपील करनी चाहिए थी।
सरकार काे जातियों के हित को ध्यान में रखकर आदेश जारी करना चाहिए था। यदि अन्याय झेलने वाले समुदायों की आवाज उठाने में यह आदेश मुश्किल बनेगा तो इसका विरोध किया जाएगा। इन समुदायों को उनकी पहचान के आधार पर आपराधिक जातियां घोषित किया गया था।
अब, अगर वे संगठित भी नहीं हो सकते या न्याय की मांग भी नहीं कर सकते तो उन्हें लोकतंत्र में अपना वाजिब हिस्सा कैसे मिलेगा? उन्होंने कहा कि यदि जातिगत पहचान को सार्वजनिक अभिलेखों से पूरी तरह हटा दिया जाए तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जाति-आधारित प्रमाण पत्र कैसे काम करेंगे।
जब संविधान में जाति प्रमाणीकरण का प्रविधान है तो अभिलेखों से इसको कैसे हटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह सरकार से बात करेंगे और पत्र भी लिखेंगे।
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