Lucknow : बाउंड्री तोड़ी, इमारत छोड़ी – लखनऊ में विकास का नया मॉडल!

Lucknow : जहाँ एक ओर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ध्वस्तीकरण के बुलडोज़र को “फ़ोटोशूट मोड” पर रखकर छोटे-मोटे अवैध प्लॉट्स पर कार्रवाई कर रहा है, वहीं दूसरी ओर बहुमंजिला अवैध अपार्टमेंट्स अफसरों की छत्रछाया में फल-फूल रहे हैं।

दोषी दीवारें और निर्दोष इमारतें!

प्राधिकरण की नज़र में सबसे बड़ा अपराध है — दो फीट ऊँची बाउंड्री वॉल! बस इतनी सी दीवार गिरा दीजिए, और वाह-वाही लूट लीजिए। दूसरी ओर, बहुमंजिला अवैध अपार्टमेंट्स को एलडीए ने ‘अनदेखा’ करने की डिग्री विद ऑनर्स ले रखी है।

जानकीपुरम और कल्याणपुर: अवैध निर्माण का टॉप गंतव्य

जानकीपुरम सेक्टर-F में तो हालत ये है कि रॉयल एनफील्ड शोरूम के पीछे एक बहुमंजिला अवैध अपार्टमेंट बनकर तैयार है — हां, वही एकल आवासीय भूखंड पर! भीतर फिनिशिंग का काम चल रहा है, बाहर अफसरों की फिनिशिंग टच से कार्रवाई की सारी संभावनाएं गायब हैं। सूत्र बताते हैं कि हर स्लैब पर पाँच लाख की ‘ईमानदारी टैक्स’ देकर बिल्डर ने इमारत की मियाद पूरी की है।

एलडीए की कार्रवाई = ‘नोटिस भेजा, नाश्ता किया’

कल्याणपुर के मयूर विहार में भी 15 फुट की सड़क पर 5 मंजिला इमारत ‘उग’ रही है। बिल्डर ने क्षेत्रीय अभियंताओं को प्रति स्लैब चार लाख का गिफ्ट हैम्पर और ऊपर से हर महीने 50 हजार का सेवा शुल्क देकर कार्रवाई के सारे दरवाज़े बंद कर दिए हैं।

अपार्टमेंट की दिशा में जीपीएस खराब?

एलडीए के बुलडोज़र का जीपीएस सिर्फ प्लॉटिंग वाली गलियों में ही काम करता है। बहुमंजिला इमारतों की तरफ उसका सिग्नल ‘नो नेटवर्क’ बताता है। जहां एक ओर भूखंडों पर दीवार गिराने से कार्रवाई के आंकड़े चमकते हैं, वहीं असल खतरा बने अवैध अपार्टमेंट्स को ‘सेल्फी विद नोटिस’ देकर छोड़ दिया जाता है।

न फायर सेफ्टी, न स्ट्रक्चर सेफ्टी – बस ‘कैश सेफ्टी’ पूरी है!

इन अपार्टमेंट्स में कोई फायर सेफ्टी नहीं, कोई आपातकालीन निकास नहीं, और तो और भवन निर्माण उपविधियों की किताबें तो शायद इन बिल्डरों ने अलमारी में सील कर दी हैं। लेकिन अफसरों को कोई चिंता नहीं, उन्हें बस इतना पता है कि “कैश फ्लो बना रहना चाहिए!”

प्रश्न वही पुराना है — कौन जिम्मेदार?

जब कोई हादसा होगा, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में अफसर कहेंगे, “हमें तो जानकारी ही नहीं थी!” और बिल्डर गायब हो जाएगा, जबकि पीड़ित परिवारों की ज़िंदगियाँ और पूँजी, दोनों राख में मिल जाएँगी।

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