लखनऊ : बिजली कर्मियों की बाइक रैली, निजीकरण का फैसला वापस ले सरकार

  • कर्मचारी नेता बोले, अनशन कारी कर्मियों की बिजली काटी, पानी बंद किया लेकिन डरेंगे नहीं

लखनऊ। बिजलीकर्मचारियों की एकता से खीझे हुए प्रबंधन के दमनकारी फैसलों से बिजली कर्मचारी डरने वाले नहीं है। निजीकरण के विरोध में यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता। बिजली कर्मचारियों ने शनिवार को बाइक रैली निकाल कर सर्वसम्मति से यह संकल्प दोहराया।

बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में बाइक रैली निकाली जो राणा प्रताप मार्ग स्थित हाइडल फील्ड हास्टल से प्रारंभ होकर राणा प्रताप मार्ग,सुभाष चौक, कैसरबाग, लालबाग, जीपीओ, हजरतगंज होते हुए अशोक मार्ग स्थित शक्ति भवन आकर एक सभा में समाप्त हो गयी। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि पावर कारपोरेशन ने अनशन पर बैठे कर्मचारियों की बिजली काट दी है।

अनशनकारियों की वीडियोग्राफी करवायी जा रही है। शक्ति भवन के दरवाजे बंद कर पानी और शौचालय की सुविधा रोक दी है। कर्मचारी ऐसे फैसलों से डरने वाले नहीं है। प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहेगा। रविवार को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आगरा,अलीगढ,मथुरा,एटा,झांसी,बांदा क्षेत्रों के बिजली कर्मचारी और अभियन्ता शामिल होंगे। प्रदर्शन के दूसरे दिन रजत कुशवाहा,आशीष भारती,अरविंद कुमार,लवकुश कुमार समेत बडी संख्या में कर्मचारी शामिल थे।

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