
- ग्रांट थार्टन को बीते वर्ष सितम्बर के मंहगे टेण्डर मिलने के बढ गये आसार
- निजीकरण विरोध का 185वां दिन
लखनऊ। शक्ति भवन में शीर्ष प्रबंधन के स्तर पर भ्रष्टाचार का यह सब खेल इसलिए चल रहा है क्योंकि ऐसी चर्चा है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण में कुछ चुनिंदा कारपोरेट घरानों के साथ बहुत बड़ी डील हो गई है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने पावर कारपोरेशन शीर्ष प्रबंधन पर यह आरोप लगाये।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कदाचार के मामले का खुलासा होने के बाद वे हस्तक्षेप करें और निजीकरण की सारी प्रक्रिया तत्काल रोकी जाए।
संघर्ष समिति ने कहा कि निदेशक वित्त के पद पर निधि नारंग को तीसरी बार सेवा विस्तार देने के पीछे ग्रांट थॉर्टन से मिलीभगत और भ्रष्टाचार का सीधा मामला बनता है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। अब यह बात साफ हो गई है की ग्रांट थॉर्टन को फेवर करने के लिए निदेशक वित्त निधि नारंग ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के साथ मिलकर हितों के टकराव के प्रावधान को ड्रॉप करवाया।
झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनल्टी लगने की बात सामने आने के बावजूद निधि नारंग ने तीसरी बार सेवा विस्तार मिलने की डील होने के बाद ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट दे दी। क्लीन चिट देने के बाद अब निधि नारंग ग्रांट थॉर्टन को सितम्बर 2024 वाला बड़ा टेंडर दिलाने में लग गए हैं।
ग्रांट थॉर्टन के झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनल्टी लगाए जाने के कदाचरण के मामले में भ्रष्टाचार के विरोध में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के भारत में कार्यकारी निदेशक रमानाथ झा ने 15 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार के इस गंभीर मामले को उठाया था।
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