Lucknow : बिजली कर्मचारियों की अपील, निरस्त करें निजीकरण प्रक्रिया


Lucknow : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए 16 मई को होने वाली एनर्जी टास्क फोर्स बैठक पर बिजली कर्मचारियों ने मांग की है कि एनर्जी टास्क फोर्स कंसल्टेंट के बिडिंग डॉक्यूमेंट को स्वीकार न करें और निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाये।


विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर वर्क टू रूल आंदोलन बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। वर्क टू रूल आंदोलन के दौरान बिजली कर्मी सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित ड्यूटी अवधि में ही कार्य कर रहे हैं। संघर्ष समिति ने कहा है कि वर्क टू रूल के दौरान ड्यूटी आवर्स के बाद प्रबन्धन का बहिष्कार किया जाएगा। आम उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। एनर्जी टास्क फोर्स की शुक्रवार को हो रही बैठक के एजेंडा पर संघर्ष समिति ने दो बिंदुओं पर आपत्तियां दर्ज की हैं।

संघर्ष समिति की पहली आपत्ति है कि एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग में अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा स्ट्रेटजी पेपर, बिडिंग डॉक्यूमेंट का प्रस्तुतीकरण किया जाना है। संघर्ष समिति ने कहा की ग्रांट थॉर्टन द्वारा दिया गया झूठा शपथ पत्र प्रकाश में आने के बाद उसने स्वीकार कर लिया है कि उसने झूठा शपथ पत्र दिया था। इसके साथ ही उसने यह भी स्वीकार कर लिया है कि उस पर अमेरिका में पेनल्टी लगाई गई थी। इन दोनों आरोपों के स्वीकार कर लेने के बाद पत्रावली पर इंजीनियर ऑफ द कॉन्ट्रैक्ट ने यह अनुशंसा की है कि ग्रांट थॉर्टन का कंसल्टेंट के रूप में नियुक्ति का आदेश निरस्त कर दिया जाए।

इस फाइल को विगत एक माह से पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन दबाए बैठे हैं और कोई निर्णय नहीं ले रहे। ऐसी स्थिति में अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट द्वारा एनर्जी टास्क फोर्स के सामने स्ट्रेटजी पेपर बिडिंग डॉक्यूमेंट का प्रस्तुतीकरण किया जाना पूरी तरह से अवैधानिक है। संघर्ष समिति की दूसरी आपत्ति 9 अप्रैल को भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को लेकर है। ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं है और पब्लिक डोमेन में भी नहीं है। इसके पूर्व इस आधार पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बिडिंग डॉक्यूमेंट को फाइनल किया जाना पूरी तरह से गलत होगा।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर निजीकरण की प्रक्रिया में चल रहे भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने की मांग की

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