
लखनऊ। मोतीपुर बहराइच में उर्वरक की सब्सिडी का गबन किये जाने के मामले में दर्ज वर्ष 2006 के मामले में चल रही पुलिसिया जांच में 19 साल बाद फरार अपराधी मनमहोन भर्तिया को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया है जब कि अभी भी तीन आरोपी फरार हैं और दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार की श्रेणी बी में वर्गीकृत इकाई उर्वरक निर्माता फर्म मैसर्स अवध फर्टिलाइजर्स प्रा. लि. मिहीपुरवा, बहराइच द्वारा मुजफ्फरनगर की फर्म पीताम्बर ट्रेडर्स व अन्य फर्मों से उर्वरक का रॉ मटेरियल रॉक फास्फेट एवं सिंगल सुपर फास्फेट मंगाया जाता था।
मैसर्स अवध फर्टिलाइजर्स के प्रबन्ध निदेशक,निदेशकगण व अन्य अधिकारी,कर्मचारियों द्वारा वर्ष 1998 से 2000 में रॉक फास्फेट एवं सिंगल सुपर फास्फेट की बिक्री में फर्जी,कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उर्वरक उत्पादन के लिए कच्चे माल के विक्रेता फर्मों से मिलीभगत करके खाद पर मिलने वाली सब्सिडी अनुदान की धनराशि 1,28,000 गबन कर लिया गया। विशेष अनुसंधान शाखा कृषि लखनऊ द्वारा प्रकरण की अनियमितता के सम्बन्ध में 22/03/2006 को थाना मोतीपुर बहराइच में मुअसं.148/06, पंजीकृत कराया गया था जिसकी जांच 30जून 2006 को ईओडब्लू को मिली। विवेचना से 11 अभियुक्तों को दोषी पाया गया था, जिनमें 02 अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी है तथा 05 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जा चुका है।
पुलिस महानिदेशक ईओडब्लू नीरा रावत द्वारा अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए चलाये गये अभियान शिकंजा के तहत वांछित अभियुक्त मनमोहन कुमार भर्तिया पुत्र सत्य नारायण निवासी 58 घरकर्ती, नई मण्डी, मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार किया गया। वांछित अभियुक्त मनमोहन कुमार भर्तिया फर्म. पीताम्बर ट्रेडर्स मुजफ्फरनगर का व्यवस्थापक,आपूर्तिकर्ता था। शेष 03 अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रयास जारी है।