
लखनऊ। बिजली कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे जोरदार प्रर्दशन से आखिरकार प्रशासन को झुकना ही पडा। सोमवार को प्रशासन ने बिजली कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया और आंकडो के साथ अपनी बात रखी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रबंधन के समक्ष अपना भी प्रजेंटेशन देने के लिए समय की मांग की है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश पदाधिकारियों और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन समेत प्रबंधन के अधिकारियों के बीच सोमवार को निजीकरण को लेकर वार्ता हुई। वार्ता को लेकर संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि प्रबंधन को सार्थक वार्ता के लिए माहौल तैयार करना चाहिए। उत्पीडन की कार्यवाहियां बंद करनी चाहिए।
चेयरमैन ने कहा कि सुधार कैसे होगा यह तो कर्मचारियों का नहीं सरकार का काम है इस संघर्ष समिति ने सलाह लेने की आवश्यकता जताई। संघर्ष समिति के सामने प्रबंधन ने प्रेजेंटेशन दिया। प्रबंधन के आंकडो को संघर्ष समिति ने विवादास्पद बताया और अपना भी प्रेजेंटेशन देने के लिए समय मांग लिया लेकिन कर्मचारियों का प्रर्दशन जारी रहा। इसी बीच आधी रात में संयोजक शैलेन्द्र दुबे का स्वास्थ्य गिर गया लेकिन क्रमिक अनशन फिर भी जारी रहा।