
- मंत्री ए.के. शर्मा और महापौर सुषमा खर्कवाल ने किया लोकार्पण ।
Lucknow: राजधानी में रविवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। शिवरी प्लांट में 700 मीट्रिक टन क्षमता वाली फ्रेश वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही लखनऊ देश का पहला महानगर बनने की राह में आगे बढ़ गया है, जो प्रतिदिन उत्पन्न 2,000 मीट्रिक टन कचरे का शत-प्रतिशत वैज्ञानिक निस्तारण कर सकेगा। अब लखनऊ को “ज़ीरो नेट वेस्ट सिटी” के तौर पर पहचाना जाएगा।
नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा और महापौर सुषमा खर्कवाल ने संयुक्त रूप से किया उद्घाटन
इस मौके पर नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा और महापौर सुषमा खर्कवाल मौजूद रहीं। महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा, “यह लखनऊ के लिए गौरव का दिन है। यह उपलब्धि नगर निगम की प्रतिबद्धता, नागरिकों की जागरूकता और तकनीक के समन्वय का परिणाम है। यह केवल कचरा प्रबंधन नहीं, बल्कि टिकाऊ भविष्य का आधार है।”
18.50 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट से मुक्ति
मंत्री शर्मा ने बताया कि 2022 में शिवरी प्लांट के सर्वे में सामने आया था कि लगभग 18.50 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट बिना प्रोसेसिंग के पड़ा हुआ था, जो पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा था। इसके समाधान के लिए ₹106.18 करोड़ की परियोजना तैयार की गई, जिसमें से ₹96.53 करोड़ की धनराशि SBM-1 के तहत राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा स्वीकृत की गई। मार्च 2024 से कार्य शुरू हुआ और अब तक 12.86 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का वैज्ञानिक निस्तारण किया जा चुका है।
25 एकड़ भूमि रिक्लेम, आगे Waste-To-Energy प्लांट की योजना
मंत्री शर्मा ने बताया कि रिक्लेम की गई 25 एकड़ भूमि अब फ्रेश वेस्ट प्लांट, विंड्रो पैड और ग्रीन बेल्ट के लिए उपयोग में लायी जा रही है। भविष्य में BOO मॉडल के तहत Waste-To-Energy प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसकी DPR तैयार हो रही है। यह कदम लखनऊ को एक टिकाऊ और पर्यावरणीय आदर्श महानगर बनाएगा।
छात्रों से संवाद, कचरा पृथक्करण का दिया पाठ
समारोह में सीएमएस के छात्रों ने हिस्सा लिया। बच्चों को कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण और गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग करने का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। मंत्री और महापौर ने बच्चों से संवाद किया और पर्यावरण संरक्षण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।
लखनऊ के मॉडल से सीख ले रहे अन्य शहर
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि लखनऊ में पहले से दो फ्रेश वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट (700-700 MT) काम कर रही थीं। तीसरी यूनिट के लोकार्पण से अब 2,000 MT प्रतिदिन का शत-प्रतिशत वैज्ञानिक निस्तारण संभव हो सकेगा। अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव ने लखनऊ के कचरा प्रबंधन मॉडल को राष्ट्रीय प्रेरणा बताया। यह मॉडल सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देते हुए संसाधनों के पुन: उपयोग और रोजगार सृजन का आधार बनेगा।
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